भारत के स्वदेशी मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम, पिनाका का डंका अब पश्चिमी देशों तक बज रहा है. आर्मेनिया को एक्सपोर्ट करने के बाद अब फ्रांस भी पिनाका को खरीदने का प्लान तैयार कर रहा है.
भारत के दौरे पर आए फ्रांसीसी सेना के ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी ने खुद कहा कि पिनाका सिस्टम आकलन चल रहा है. दरअसल, फ्रांस की सेना के पास इस तरह का कोई रॉकेट सिस्टम नहीं है. रूस-यूक्रेन युद्ध में मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर के सफल इस्तेमाल के बाद फ्रांसीसी सेना की दिलचस्पी पिनाका में बढ़ गई है.
हाल ही में (6-8 नवंबर) भारत और फ्रांस की सेनाओं के बीच 20वें दौर की आर्मी टू आर्मी स्टाफ टॉक्स हुई थी. इस दौरान दोनों देशों की सेनाएं आपसी रक्षा सहयोग के लिए सहमत हुई थी. फ्रांसीसी सेना ने आगरा स्थित भारतीय सेना की शत्रुजीत ब्रिगेड का दौरा भी किया था.
फ्रांसीसी डेलिगेशन का हिस्सा रहे ब्रिगेडियर जनरल स्टीफन रौचे ने जानकारी दी है कि पिनाका का मूल्यांकन चल रहा है.
खासा बात ये है कि इसी साल फरवरी के महीने में भारत के दौरे पर आए फ्रांस के सेनाध्यक्ष जनरल पियरे शिल ने राजस्थान में पिनाका के फायरिंग प्रदर्शन देखा था.
भारत और फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग काफी पुराना और मजबूत है. फ्रांस ने भारतीय नौसेना के लिए छह स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन मझगांव डॉकयार्ड में तैयार की हैं. इसके अलावा भारतीय वायुसेना, फ्रांस के ही रफाल (राफेल) और मिराज 2000 फाइटर जेट इस्तेमाल करती है.
हाल ही में फ्रांस की साफरान कंपनी ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ मिलकर मेक इन इंडिया के तहत हेलीकॉप्टर इंजन बनाने का करार किया है.
ऐसे में अगर फ्रांस ने भारत से पिनाका रॉकेट सिस्टम खरीदा था, तो भारत के रक्षा उद्योग के लिए ये एक बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी.
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित पिनाका, एक मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम है जो 44 सेकंड में 12 रॉकेट दागता है. भगवान शिव के धनुष ‘पिनाक के नाम पर इस रॉकेट सिस्टम को नाम दिया गया है जो चंद सेकेंड में दुश्मन के बंकर, चौकियों और दूसरे महत्वपूर्ण ठिकानों को नेस्तनाबूद कर देने की क्षमता रखता है.
90 के दशक के मध्य से भारतीय सेना पिनाका को इस्तेमाल कर रही है. करगिल युद्ध के दौरान भी भारतीय सेना ने पाकिस्तानी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया था.
पिनाका की रेंज करीब 40 किलोमीटर है लेकिन वर्ष 2019 में डीआरडीओ ने इस रॉकेट को मिसाइल सिस्टम में तब्दील कर दिया था ताकि मारक क्षमता और रेंज को बढ़ाया जा सके. अब पिनाका सिस्टम की रेंज करीब 75 किलोमीटर हो गई है. हाल ही में भारतीय सेना ने इन पिनाका सिस्टम की 06 नई रेजीमेंट को पूर्वी लद्दाख में चीन से सटी एलएसी पर तैनात किया है.
साथ ही डीआरडीओ अब पिनाका को लैंड माइन्स बिछाने के लिए भी इस्तेमाल करने के लिए तैयार कर रहा है.
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फ्रांस खरीदेगा भारत का पिनाका रॉकेट सिस्टम, वजह है ये
- by Neeraj Rajput
- November 10, 2024
- Less than a minute
- 7 days ago