July 7, 2024
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India-US संबंधों में दरार, आतंकी पन्नू बना वजह ?

डिप्लोमेसी और स्टेटक्राफ्ट के मास्टर हेनरी किसिंगर ने कहा था कि “अमेरिका की दुश्मनी खतरनाक होती है लेकिन अमेरिका से दोस्ती बेहद घातक होती है.” गुरूवार को जब किसिंगर ने 100 साल की उम्र में अपनी आखिरी सांसें ली तभी ये खबर आई कि अमेरिका ने खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में भारत के एक सीनियर सरकारी ऑफिसर के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है.

भारत के मोस्टवांटेड खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को लेकर अमेरिकी चार्जशीट भारत के साथ राजनयिक रिश्तों में खटास ला सकती है. कनाडा में जस्टिन ट्रूडो ने आतंकी निज्जर में भारतीय एजेंसियों के शामिल होने का बेबुनियाद आरोप लगाया था. तो अब अमेरिका ने एक भारतीय अधिकारी और एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के खिलाफ गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने और सुपारी देने की चार्जशीट दाखिल की है.

न्यूयॉर्क पुलिस की चार्जशीट में ‘सीसी-1’  कौन है ?
अमेरिका में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश के मामले में न्यूयॉर्क पुलिस की चार्जशीट सामने आई  है. चार्जशीट में निखिल गुप्ता पर पन्नू की हत्या करने की कोशिश का आरोप है. अमेरिकी पुलिस के मुताबिक भारत सरकार के एक अधिकारी जो कि सिक्योरिटी मैनेजमेंट और इंटेलिजेंस से जुड़ा है, वो खुद को फील्ड अफसर बताता है, उस भारतीय अधिकारी ने निखिल गुप्ता को गुरपतवंत सिंह पन्नू सुपारी देने के लिए कहा था. चार्जशीट में भारतीय अधिकारी के नाम का खुलासा नहीं किया गया है. अधिकारी को न्यूयॉर्क पुलिस ने  सीसी-1 के नाम से संबोधित किया है

निखिल गुप्ता ने किलर समझ अमेरिकी एजेंट को दी सुपारी?
अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट के मुताबिक निखिल गुप्ता ने  सीसी-1 के लिए काम करता है.  सीसी-1 के कहने पर निखिल गुप्ता ने पन्नू की हत्या के लिए किलर की तलाश शुरु की. निखिल गुप्ता की तलाश न्यूयॉर्क में एक हिटमैन पर खत्म हुई. हिटमैन से निखिल गुप्ता को जिस शख्स ने मिलवाया वो शख्स अमेरिकी खुफिया एजेंसी का अंडरकवर एजेंट था. और हिटमैन (सुपारी लेने वाला शख्स) भी एक सीक्रेट एजेंट था. निखिल गुप्ता के संपर्क में आए दोनों शख्स डीईए (ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन) के साथ काम कर रहे थे. इस ‘हिटमैन’ को हत्या के लिए 1 लाख अमेरिकी डॉलर (तकरीबन 83 लाख रुपये) की सुपारी देने की बात तय हुई. अमेरिकी पुलिस का दावा है कि 1 लाख अमेरिकी डॉलर का इंतजाम  सीसी-1 ने किया. चार्जशीट में सौ डॉलर का बिल भी था, जो आरोपी को एडवांस पेमेंट के तौर पर दिया गया था. पन्नू की एक-एक जानकारी  सीसी-1 ने उपलब्ध कराई. निखिल गुप्ता ने ‘हिटमैन’ से कहा था- जल्द से जल्द हत्या कर दे.  सीसी-1 ने निखिल गुप्ता को एक मैसेज भेजा था जिसमें पन्नू से संबंधित एक न्यूज आर्टिकल था. साथ लिखा था ‘अब ये हमारी प्राथमिकता है.’

हिटमैन को हत्या के लिए क्या मिले निर्देश?
गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की तारीख का चार्जशीट में जिक्र नहीं है पर  सीसी-1ने जो निर्देश दिए, उसके मुताबिक, “हिटमैन को इस बात का ध्यान रखना था कि हत्या भारत और अमेरिका के बीच उच्च स्तरीय कार्यक्रमों के आसपास न हो.” प्रेस रिलीज में इंगेजमेंट और हाईलेवल यूएस एंड इंडियन गवर्मेंट ऑफिशियल शब्दों का इस्तेमाल किया गया है. माना जा रहा है कि  सीसी-1 का इशारा प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा की तरफ है, क्योंकि जून में राष्ट्रपति जो बाइडेन के बुलावे पर पीएम मोदी अमेरिका की यात्रा पर थे. अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, जून में PM मोदी के अमेरिका दौरे के बाद ही अमेरिकी अधिकारियों ने भारत के सामने पन्नू की हत्या की साजिश का मुद्दा उठाया था.

कौन है निखिल गुप्ता, कब और कहां से हुई गिरफ्तारी?
निखिल गुप्ता को चेक रिपब्लिक से गिरफ्तार कर लिया गया. अमेरिकी चार्जशीट के मुताबिक, “निखिल गुप्ता ने 30 जून के आसपास चेक रिपब्लिक की यात्रा की थी. हत्या की साजिश के पुख्ता सबूत मिलने के बाद अमेरिकी अधिकारियों के अनुरोध पर निखिल गुप्ता तो गिरफ्तार कर लिया गया.” अमेरिकी दस्तावेजों में बताया गया  है कि निखिल गुप्ता ड्रग्स और हथियारों की तस्करी का काम भी करता था. अमेरिका के साथ द्विपक्षीय प्रत्यपर्ण संधि के अनुसार चेक गणराज्य ने 30 जून को निखिल गुप्ता को गिरफ्तार कर हिरासत में भेज दिया था.

कनाडा में हुई निज्जर हत्या का भी जिक्र
निज्जर की हत्या के बाद निखिल गुप्ता ने ‘हिटमैन’ को बताया था कि निज्जर भी एक टारगेट था. साथ ही निखिल ने ये भी बताया कि हमारे पास बहुत सारे टार्गेट्स हैं. 18 जून को नकाबपोश शूटर्स ने कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में गुरुद्वारे के पास पन्नू के करीबी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी थी. अमेरिकी चार्जशीट में पन्नू की हत्या की साजिश के साथ साथ निज्जर की हत्या को भी जोड़ा गया है. न्यूयॉर्क पुलिस का आरोप है कि  सीसी-1 और निखिल गुप्ता ने दोनों साजिश रची हैं. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, सीसी-1 ने निज्जर की हत्या होने के बाद खून से लथपथ उसके शव का एक वीडियो भी निखिल गुप्ता को भेजा था, और कहा था- इंतजार करने की जरूरत नहीं.

‘अमेरिकी नागरिक की हत्या नहीं होने देंगे’
ब्रिटेन के अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने 22 नवंबर की अपनी रिपोर्ट में दावा कर दिया कि पन्नू को मारने की कथित ‘भारतीय साजिश’ को अमेरिकी एजेंसियों ने नाकाम कर दिया. गुरपतवंत सिंह पन्नू अमेरिकी नागरिक है, जिसपर अमेरिका ने कहा है कि अपनी धरती पर हम अपने नागरिक की सुरक्षा करेंगे. न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, बाइडेन ने खुद सीआईए के डायरेक्टर विलियम बर्न्स को अगस्त में भारत जाकर सरकार से पूरे मुद्दे और आरोपी पर कार्रवाई के लिए चर्चा करने को कहा था. इसके अलावा- बाइडेन जब सितंबर में जी-20 समिट के लिए भारत आए थे, तब जो बाइडेन ने खुद भी पीएम मोदी से मुद्दे पर बात की थी. वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका के दो शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों, सीआई एनिदेशक विलियम बर्न्स और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक एव्रिल हेन्स, मामले की जांच की मांग करने के लिए अलग-अलग भारत गए थे.

क्या है भारत का पक्ष?
अमेरिकी रिपोर्ट के बाद भारत सरकार भी एक्शन में है. भारत ने जांच के लिए 18 नवंबर को हाई लेवल कमेटी बनाई है. भारत ने कहा है कि जांच के नतीजों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. मामले पर विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक बयान में कहा है कि “भारत इन आरोपों गंभीरता से ले रहा है. द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग पर अमेरिका ने कुछ इनपुट साझा किए हैं. हम उन इनपुट्स को गंभीरता से लेते हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्ध है.”

2020 में आतंकी घोषित हुआ पन्नू
भारत सरकार ने 2019 में यूएपीए के तहत पन्नू के संगठन एसएफजे पर बैन लगाया था. गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा था कि सिखों के लिए रेफरेंडम की आड़ में पन्नू का संगठन पंजाब में अलगाववाद और उग्रवादी विचारधारा का समर्थन कर रहा है. गुरपतवंत सिंह पन्नू को सरकार ने जुलाई 2020 में आतंकी घोषित किया था. 2020 में सरकार ने पन्नू से जुड़े 40 से ज्यादा वेब पेज और यूट्यूब चैनल्स को भी बैन कर दिया था.

कनाडा के बाद अब अमेरिका से टकराव पर भारत क्या रणनीति बनाएगा. क्योंकि जिस शख्स की पैरवी अमेरिका अपना नागरिक बताकर कर रहा है वो भारत को मोस्टवांटेड आतंकी है. 

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