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चीन नेपाल Tri-Junction पर सेना का तंबू, होमस्टे टूरिज्म को बढ़ावा

उत्तराखंड के कुमाऊं सेक्टर में बॉर्डर-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना ने स्थानीय लोगों की मदद के लिए कालापानी इलाके में टेंट-होमस्टे तैयार किया है. चीन और नेपाल सीमा के विवादित ट्राई-जंक्शन के करीब ही कालापानी इलाका है, जो कैलाश मानसरोवर यात्रा के मार्ग पर स्थित है.

भारतीय सेना के मुताबिक, यह होमस्टे पंचशूल ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर एस.पी.एस. चौहान द्वारा शुरू किया गया. इस पहल का उद्देश्य केंद्र सरकार के “वाइब्रेंट विलेज” कार्यक्रम के अंतर्गत पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति का प्रामाणिक अनुभव प्रदान करना और सतत पर्यटन प्रथाओं को बढ़ावा देना है.

पर्यटन और सामुदायिक विकास को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन सद्भावना के तहत कुमाऊं क्षेत्र के ऐतिहासिक और खूबसूरत स्थल कालापानी में इस टेंट आधारित होमस्टे को स्थापित किया है. (https://x.com/neeraj_rajput/status/1850070992262979825)

भारतीय सेना के मुताबिक, उद्घाटन समारोह में गर्ब्यांग गांव के सरपंच भी उपस्थित थे, जिन्होंने ग्रामीण समुदायों की आजीविका को बढ़ाने में ऐसी पहलों के महत्व पर जोर दिया. यह होमस्टे न केवल यात्रियों के लिए एक अनोखा अनुभव प्रदान करता है, बल्कि भारतीय सेना द्वारा समर्थित राष्ट्र-निर्माण के प्रयासों को भी सहयोग देता है. साथ ही  ग्रामीण विकास को प्रोत्साहित करता है और आगंतुकों और ग्रामीणों के बीच गहरा संबंध स्थापित करता है.

तिब्बत स्थित कैलाश मानसरोवर के मार्ग पर कालापानी है, जो लिपूलेख के करीब है. लेकिन इस इलाके को लेकर चीन और नेपाल के साथ भारत का विवाद चल रहा है. कुछ साल पहले नेपाल ने कालापानी इलाके को अपने नक्शे में दिखाना शुरु कर दिया था. चीन की भी इस इलाके पर नजर रहती है. ऐसे में स्थानीय लोगों की मदद से पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए होमस्टे बनाने का बीड़ा भारतीय सेना ने उठाया है.

यह होमस्टे पहल, वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम को बढ़ावा देने के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगी.

भारतीय सेना, कुमाऊं क्षेत्र के सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को प्रोत्साहित करने और स्थानीय निवासियों के पलायन को रोकने के लिए कई अन्य परियोजनाएं जैसे गांवों का विद्युतीकरण, हाइब्रिड सोलर प्लांट की स्थापना, चिकित्सा शिविरों का आयोजन आदि भी चला रही है.

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