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अफ्रीका में भारतीय सेना के Veterinary कैंप बने शांति का प्रतीक

पिछले डेढ़ दशक से गृह युद्ध से ग्रस्त अफ्रीकी देश साउथ सूडान में भारतीय सेना शांति की अनोखी पहल चला रही है. ये है अपर नील प्रांत में वेटरनरी कैंप के जरिए. पिछले नौ महीनों में जबसे भारतीय सेना की बटालियन (‘इन्डबट-1’), यूएन पीसकीपिंग मिशन का हिस्सा बनी है तब से 15 हजार मवेशियों का उपचार किया है.

दरअसल, सूडान में लाइवस्टोक यानी मवेशी लड़ाई का एक बड़ा कारण रहे हैं. पशुओं पर कब्जा यहां की अलग-अलग जातीय समूह में विवाद का बड़ा कारण रहा है. ऐसे में मवेशियों का उपचार शांति का एक बड़ा जरिया रहा है.  

भारतीय सेना, संयुक्त राष्ट्र के साउथ सूडान मिशन (यूएनएमआईएसएस) का हिस्सा है. इसे ‘इन्डबट-1’ के नाम से जाना जाता है. भारतीय सेना की बटालियन की तैनाती अपर नील प्रांत में तैनात है. इस बटालियन के साथ भारतीय सेना की पशु-चिकित्सा टीम भी तैनात है.

जानकारी के मुताबिक, भारतीय सेना के वेटनरी (पशु-चिकित्सा) कैंप मात्र पशुओं का उपचार ही नहीं करते हैं बल्कि स्थानीय पशु-पालन करने वाले जनता को दुनियाभर की बेस्ट प्रैक्टिस के बारे में जानकारी साझा करते हैं. साथ ही जानवरों से जुड़े हेल्थ वर्कर्स की ट्रेनिंग में ही मदद करते हैं.

ऐसे में ये वेटनरी कैंप अलग-अलग समूहों के बीच सहयोग और आपसी सामन्जस्य बढ़ाने में मदद कर रहे हैं. पशुओं की बेहतर देखभाल से साउथ सूडान में खाद्य-सुरक्षा में मदद मिलती है जिससे भुखमरी और कुपोषण जैसे खतरों से निपटने में भी सहायता मिलती है.

यूएनएमआईएसएस का मुख्य चार्टर साउथ सूडान में शांति स्थापित करना और स्थानीय समूहों में सहयोग और सामंजस्य बढ़ाना है. ऐसे में इन वेटनरी कैंप के जरिए भारतीय सेना शांति स्थापित करने की एक अलग पहल कर रही है.  (शांति-रक्षक मेजर राधिका सेन को UN सम्मान)

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