ईरान के सुधारवादी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने अपने पहले विदेश दौरे के लिए उस राष्ट्र को चुना, जिस देश से 80 के दशक में कट्टर दुश्मनी थी. हैरानी होगी, पर ईरानी राष्ट्रपति अपने पहले आधिकारिक दौरे पर इराक पहुंचे हैं. इराक का दौरा पश्चिमी देशों के जटिल होते प्रतिबंधों के बीच हुआ है.
प्रतिबंधों की मार झेल रहा ईरान अपने निर्यात को बढ़ाने के लिए इराक का साथ चाहता है. 80 के दशक में इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन ने कई वर्षों तक ईरान के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा था. साल 2003 में जब अमेरिका ने सद्दाम हुसैन को सत्ता से हटाया तो आज तक इराक में हजारों अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं. अब मसूद पेजेश्कियान ने सत्ता संभालने के बाद ना सिर्फ इराक बल्कि अमेरिका के लिए भी सुर नरम कर दिए हैं. पेजेश्कियान की इराक यात्रा इसी का कदम माना जा रहा है.
गाजा जंग क्षेत्र के लिए खतरनाक: इराकी पीएम
इराक में मसूद पेजेश्कियान का गर्मजोशी से स्वागत हुआ है. इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी से मुलाकात के बाद ईरान और इराक में 14 द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है. इस दौरान ईरान और इराकी राष्ट्राध्यक्षों के बीच इजरायल और हमास की जंग पर भी लंबी बातचीत हुई. इराकी प्रधानमंत्री अल-सुदानी ने गाजा जंग के बारे में कहा कि “गाजा जंग का लंबा खिचना क्षेत्र के लिए बहुत खतरनाक है.” इस दौरान प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने तेहरान में हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या की निंदा की.
ईरान-इराक की दोस्ती से बढ़ेगी अमेरिका की टेंशन!
दरअसल इराक की मौजूदा सरकार के अमेरिका से करीबी संबंध रहे हैं. हाल ही में इराकी पीएम ने अमेरिका का दौरा किया था और जो बाइडेन से इराक में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी को लेकर लंबी वार्ता हुई थी. इराक में अमेरिका के 2,500 सैनिकों हैं. गाजा युद्ध के बाद से इराक में मौजूद अमेरिकी बेसों पर ईरान समर्थित विद्रोही गुट लगातार हमला कर रहे हैं.
ईरानी राष्ट्रपति पेजेश्कियान ने प्रेसकॉन्फ्रेंस करके कहा- इराक के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए ईरान प्रतिबद्ध है, ईरान एक मजबूत, स्थिर और सुरक्षित इराक चाहता है जहां भाईचारा और शांति कायम रहे. ईरान के राष्ट्रपति ने घोषणा की है कि “आतंकवादियों को प्रभावी ढंग से रोकने और क्षेत्र को अस्थिर करने वाली साजिशों का मुकाबला करने के लिए दोनों देशों के बीच सुरक्षा समझौतों को लागू किया जाएगा.”
फिलिस्तीन विवाद के मुद्दे पर बोलते हुए ईरानी राष्ट्रपति पेजेश्कियान ने कहा कि “गाजा युद्ध ने मानवाधिकारों के बारे में पश्चिमी दावों के पाखंड को उजागर किया है.गाजा में अमेरिकी हथियारों को इस्तेमाल कर फिलिस्तीनी नागरिकों का नरसंहार हो रहा है.”
पेजेश्कियान के दौरे से पहले बगदाद में हुआ था ब्लास्ट
पेजेश्कियान के आने से पहले बगदाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास अमेरिकी सेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली जगह पर विस्फोट हुआ था. “अमेरिकी दूतावास ने बताया था कि विस्फोट ‘बगदाद डिप्लोमैटिक सर्विसेज कंपाउंड’ में हुआ, जो एक अमेरिकी राजनयिक क्षेत्र है.”
अब इराक में दखल के बाद ईरान, इराक के जरिए इजरायल और अमेरिका तक अपनी स्थिति मजबूत कर सकता है. हालांकि ईरान के सुर अमेरिका को लेकर भी थोड़े बदले हैं, क्योंकि हाल ही में तमाम तरीके के प्रतिबंध से जूझ रहे ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा था कि “दुश्मन के साथ बातचीत करने में कोई बाधा नहीं है. हालांकि खामनेई ने इस बात की चेतावनी जरूर दी कि “अमेरिका पर विश्वास नहीं किया जा सकता,”