इजरायल अभी ईरान के न्यूक्लियर संयंत्र पर हमले की प्लानिंग ही कर रहा है और ईरान ने एक बार फिर चेतावनी दे दी है कि ‘छुओगे तो छोड़ेंगे नहीं’. ईरान ने साफ कर दिया है कि इस बार जवाबी कार्रवाई शनिवार (13 अप्रैल) के ऑपरेशन से ‘ज्यादा घातक होगी’.
बुधवार को ईरान का सेना दिवस था. इस मौके पर एक सैन्य समारोह को संबोधित करते हुए ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (रायसी) ने कहा कि “हिंट एंड रन का युग खत्म हो चुका है. अगर कोई हमारी जमीन पर हमला करेगा तो उसे सजा जरूर मिलेगी.” रईसी ने कहा कि “यहूदी शासन (इजरायल) को ये जरूर जान लेना चाहिए कि हमने एक नया नियम लागू किया है जिसमें हर आक्रमण का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.”
सैन्य परेड की सलामी के दौरान रईसी ने कहा कि ईरान ने “एक नया नियम भी जारी किया है जिसके मुताबिक, अगर तुमने हमें टच (छुओगे) किया तो हम तुम्हें तबाह कर देंगे.” ईरान के राष्ट्रपति ने चेतावनी देते हुए कहा कि “इजरायल ने हमारे खिलाफ कोई कार्रवाई की तो हमारा जवाब शनिवार (13 अप्रैल) के ऑपरेशन (ट्रू प्रॉमिस) से ज्यादा घातक होगा.”
ईरान की ये ताजा हुंकार रईसी की रुस के राष्ट्रपति से हुई फोन पर बातचीत के बाद आई है. दोनों के बीच मंगलवार को बात हुई थी. बातचीत के दौरान पुतिन ने रईसी को इजरायल के सीरिया में ईरान के कॉन्सुलेट पर हुए हमले के बाद “आक्रमणकारी को दंड देने को सबसे सही तरीका बताया.” पुतिन ने इजरायल पर ड्रोन और मिसाइलों से हमले को ‘चतुर और बुद्धिमानी’ तरीका बताया.
क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति के सचिवालय) द्वारा जारी बयान में बताया गया कि “पुतिन ने मिडिल-ईस्ट के हालात पर रईसी से विस्तार से चर्चा की और सभी पक्षों से संयम बरतने की सलाह दी और उम्मीद जताई कि अब अगले दौर की टकराव न हो नहीं तो पूरा क्षेत्र तबाही की आगोश में आ जाएगा.”
रुस के बयान के मुताबिक, रईसी ने भी पुतिन को बताया कि ‘ईरान की जवाबी कार्रवाई उकसावे से प्रेरित जरुर थी लेकिन सीमित थी.” हालांकि, ईरान के राष्ट्रपति ने इस बात पर जरूर जोर दिया कि तेहरान तनाव को बढ़ाने के पक्ष में नहीं है. पुतिन और रईसी, दोनों ने ही मिडिल-ईस्ट में युद्ध के लिए इजरायल और फिलिस्तीन के बीच अनसुलझे विवाद को मुख्य कारण बताया. पुतिन ने बताया कि “रुस भी गाजा में तुरंत युद्ध-विराम के पक्ष में है और चाहता है कि विवाद का निपटारा राजनीतिक और डिप्लोमेसी के जरिए हो.”
उधर खबर है कि उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने भी मिडिल ईस्ट विवाद में ईरान को समर्थन देने का ऐलान किया है. दरअसल, अमेरिका और पश्चिमी देशों से जिन भी देशों का किसी न किसी मुद्दे पर विवाद चल रहा है वे अमूमन ईरान को ही समर्थन कर रहे हैं.
13 अप्रैल के हमले को चार दिन बीत चुके हैं और इजरायल अभी ये तय नहीं कर पाया है कि कब और कहां जवाबी कार्रवाई करनी है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और सेना प्रमुख दोनों ही ऐलान कर चुके हैं कि ईरान के ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस का बदला जरूर लिया जाएगा. हालांकि, अमेरिका ने साफ कर दिया है कि भले ही ईरान के हमले से बचाने में मदद की हो लेकिन जवाबी कार्रवाई में इजरायल की मदद नहीं करेगा. यही वजह है कि इजरायल बेहद सोच समझ कर ही कोई कदम उठाना चाहता है. क्योंकि ईरान ने कहा है कि अगर उसकी जमीन पर फिर हमला हुआ तो ऐसे हथियार से इजरायल पर हमला करेगा जो आज तक नहीं देखा गया है (Iran Israel: परमाणु युद्ध का खतरा ?).