By Nalini Tewari
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ एक दिलचस्प घटना हुई. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के काफिले के चलते न्यूयॉर्क शहर में मैक्रों को बीच रास्ते में रोक दिया गया. जब न्यूयॉर्क पुलिस ने मैक्रों की गाड़ी आगे नहीं बढ़ने दी तो फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने डायरेक्ट ट्रंप को कॉल कर दिया.
बाद में मैक्रों न्यूयॉर्क की सड़क पर काफी देर तक टहलते रहे, ट्रैफिक पुलिस से बात की और फैन्स के साथ तस्वीरें खींची.
न्यूयॉर्क पुलिस ने आगे नहीं बढ़ने दिया मैक्रों का काफिला
न्यूयॉर्क में इन दिनों दुनिया के राष्ट्राध्यक्षों का मजमा लगा हुआ है. तकरीबन 200 देशों के राष्ट्राध्यक्ष, मंत्री, डिप्लोमैट्स यूएनजीए की बैठक में शामिल होने के लिए न्यूयॉर्क में मौजूद हैं, या पहुंच रहे हैं.
इस दौरान इमैनुएल मैक्रोें भी न्यूयॉर्क में यूएन की जनरल मीटिंग में भाग लेने के लिए पहुंचे हैं. इस दौरान न्यूयॉर्क सिटी में उनके काफिले को रोक दिया गया. पुलिस का कहना था कि डोनाल्ड ट्रंप इस रास्ते से जाने वाले हैं. इसलिए उनके काफिले को आगे बढ़ने नहीं दिया जाएगा.
बहुत देर तक मैक्रों गाड़ी में बैठे रहे और फिर उतर कर ट्रैफिक पुलिस से बात करने लगे. मैक्रों और ट्रैफिक पुलिस अधिकारी के बीच हुई बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
ट्रंप को किया मैक्रों ने कॉल, फिर मिला रास्ता, वीडियो वायरल
ट्रैफिक पुलिस के ये कहने पर कि आगे उनके राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का काफिला निकलने वाला है, इस पर मैक्रों ने ट्रंप को कॉल कर दिया. मैक्रों ने हंसते हुए डोनाल्ड ट्रंप को फोन करके रास्ते को खोलने की गुजारिश की.
वायरल वीडियो में फोन पर मैक्रों ने ट्रंप से कहा कि “आप सोच नहीं सकते हैं कि मैं न्यूयॉर्क के स्ट्रीट पर खड़ा हूं और आपका इंतजार कर रहा हूं. आपकी वजह से यहां सबकुछ बंद कर दिया गया है.”
इस बीच सड़क पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति को घूमते देख लोग इकट्ठा हो गए. कई लोगों ने मैक्रों के साथ तस्वीरें लीं और सेल्फी भी खींची. बताया जा रहा है इसके थोड़ी देर बाद ही मैक्रों के लिए रास्ता खोल दिया गया और वो यूएन की जनरल मीटिंग में पहुंचकर फिलिस्तीन को लेकर बड़ा ऐलान कर पाए.
फ्रांस ने दी फिलिस्तीन को अलग राष्ट्र बनाने की मान्यता, टू स्टेट को बताया शांति का रास्ता
इस घटना के बाद मैक्रों ने महासभा में एक बड़ा ऐलान किया. मैक्रों ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि “फ्रांस अब फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता देता है.” फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सोमवार को कहा कि हमने आधिकारिक तौर पर फिलिस्तीन राष्ट्र को मान्यता दे दी है.
मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि “स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर फिलिस्तीनी राष्ट्र को मान्यता एकमात्र समाधान है, जो इजरायल को शांति में रहने की अनुमति देगा. हमें अपनी पूरी ताकत लगानी होगी ताकि टू स्टेट सॉल्यूशन इजरायल और फिलिस्तीन के शांति और सुरक्षा में साथ-साथ रहने की संभावना को बनाए रखा जा सके. फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों को मान्यता देने से इजरायल के लोगों के अधिकार नहीं छीने जा रहे.”
एफिल टावर पर फिलिस्तीन झंडा, ब्रिटेन ने भी बदला मैप
यूरोप के अधिकतर देशों ने फिलिस्तीन को मान्यता दे दी है. फ्रांस के एफिल टावर पर फिलिस्तीन का झंडा लगाया गया है, वहीं ब्रिटेन ने जो एक मैप जारी किया है, उसमें फिलिस्तीन को अलग देश दिखाया गया है.
क्या स्वतंत्र देश बनेगा फिलिस्तीन, या अमेरिका लगा देगा वीटो?
संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से 155 देश ने फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर मान्यता दी है. अप्रैल 2025 में 147 थी लेकिन सितंबर 2025 में फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, पुर्तगाल, बेल्जियम, लक्जमबर्ग, माल्टा, मोनाको, एंडोरा, सैन मारीनो जैसे देशों के बाद ये संख्या बढ़ गई है. सवाल है कि क्या 155 देशों की कोशिशें सफल होती हैं, या सुपरपावर अमेरिका वीटो का इस्तेमाल करके इन कोशिशों पर अड़ंगा लगा देता है.
अमेरिका हमेशा से इजरायल के साथ खड़ा है. टू स्टेट को गलत भी बताता रहा है, लेकिन अमेरिका के पास वीटो करने की शक्ति है, लेकिन सोमवार को अमेरिका ने शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लिया.