बांग्लादेश से चल रही तनातनी के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) में बड़ा हमला बोला है. ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि बीएसएफ, पश्चिम बंगाल में अवैध बांग्लादेशियों और गुंडों की ‘घुसपैठ’ करा रही है.
माना जा रहा है कि ममता ने गृहमंत्री अमित शाह के उस हालिया बयान का जवाब दिया है, जिसमें कहा गया था कि “बांग्लादेश की घुसपैठ, बंगाल की शांति को बाधित कर रही है.”
बीएसएफ यानी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स, एक ऐसा सुरक्षाबल जो बांग्लादेश बॉर्डर पर बेहद अहम रोल में है. पिछले अगस्त महीने से जब से बांग्लादेश में प्रदर्शन, आंदोलन, तख्तापलट हुआ तब से बीएसएफ के जवान तत्परता से दिन-रात एक करके सीमा की सुरक्षा कर रहे हैं ताकि बांग्लादेशी घुसपैठ रोकी जा सके. लेकिन अब बीएसएफ पर बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने लगाए हैं गंभीर आरोप.
ममता बनर्जी के बीएसएफ पर सनसनीखेज आरोप
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीएसएफ पर गंभीर आरोप लगाते हुए केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है. ममता बनर्जी के मुताबिक, “बीएसएफ के जवान अवैध घुसपैठियों और गुंडों को बंगाल में एंट्री दे रहे हैं.”
ममता बनर्जी ने मजिस्ट्रेट और आला अधिकारियों की बैठक में कहा कि “केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल को अशांत करना चाहती है, इसलिए इस्लामपुर, सीताई और चोपड़ा बॉर्डर से बांग्लादेशी गुंडों को बीएसएफ घुसपैठ करा रही है.” (https://x.com/AngrySaffron/status/1874761610671411415)
बॉर्डर पर रखवाली करना टीएमसी का काम नहीं: सीएम ममता
सीएम ममता बनर्जी ने कहा, “बंगाल के साथ लगने वाली सीमा की रखवाली करना हमारे हाथ में नहीं है, यह बीएसएफ का काम है. तृणमूल कांग्रेस बॉर्डर की रखवाली नहीं करती है. डीएम को यह जानकारी होनी चाहिए कि भारत में एंट्री करने वाले बांग्लादेशी कहां जा रहे हैं? मैं बीएसएफ के काम करने के तरीकों के विरोध में केंद्र सरकार को पत्र भेजूंगी. अगर किसी राज्य सरकार को परेशान करने के लिए आतंकियों का समर्थन किया गया तो हमें विरोध करना होगा.”
बांग्लादेश लाल आंख दिखा रहा, मुंहतोड़ जवाब क्यों नहीं देता केन्द्र: अभिषेक बनर्जी
ममता बनर्जी के अलावा अभिषेक बनर्जी ने भी बांग्लादेश के मुद्दे पर केंद्र को कटघरे में खड़ा किया. अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि “हर कोई जानता है कि बांग्लादेश में किस तरह जुल्म हो रहा है और किस तरह अराजकता फैल रही है. केंद्र सरकार की चुप्पी इस मामले पर अटकलों बढ़ा रही है. बांग्लादेश हमें लाल आंखें दिखा रहा है. हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार, बांग्लादेश को जवाब दे या यूं कहें कि उस भाषा में मुंहतोड़ जवाब दे जो शायद बांग्लादेश समझता हो.”
बंगाल के डीजीपी भी बीएसएफ पर उठा चुके हैं सवाल
ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के अलावा बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार ने भी बीएसएफ की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे. बीएसएफ को लेकर राजीव कुमार ने पिछले सप्ताह कहा था कि “बांग्लादेश से घुसपैठ पर रोक लगाने की जिम्मेदारी सीमा सुरक्षा बल की है. बीएसएफ की कार्यप्रणाली में कमियां हैं, लेकिन राज्य पुलिस घुसपैठ से प्रभावी रूप से निपट रही है.”
डीजीपी ने कहा, “पश्चिम बंगाल एकमात्र ऐसा राज्य है जिसकी सीमा तीन देशों से लगती है. हाल ही में, कई लोग सीमा पार करके बंगाल में घुस आए थे, लेकिन बीएसएफ ने नहीं पुलिस ने कार्रवाई की.”
जहां-जहां तारबंदी नहीं, वहां भी हम रोक रहे घुसपैठ: डीजी, बीएसएफ
बीएसएफ डीजी आईपीएस दलजीत सिंह चौधरी ने हाल ही में अपने एक बयान में बांग्लादेश का जिक्र किया था. दलजीत सिंह चौधरी ने कहा था कि “भारत-बांग्लादेश की सीमा में जहां तारबंदी भी नहीं हुई है, वहां पर भी बीएसएफ के जवान तकनीक माध्यम से घुसपैठ रोक रहे हैं.”
बीएसएफ महानिदेशक ने कहा, बीएसएफ और बीजीबी के बीच अच्छा कोआर्डिनेशन है. हमारी कोशिश रहती है कि किसी भी प्रकार की घुसपैठ, तस्करी और अवैध व्यापार न हो. इसे रोकने से बीएसएफ सफल हुई है. किसी भी समस्या को बीएसएफ एक चुनौती के रूप में लेती है, हम उसका समाधान निकालते हैं. ताकि भारत की सीमा हमेशा सुरक्षित रहे.”
बांग्लादेश सीमा पर तैनात है बीएसएफ
गौरतलब है कि भारत, बांग्लादेश के साथ करीब 4096 किलोमीटर लंबा बॉर्डर साझा करता है. बीएसएफ, भारत-बांग्लादेश बॉर्डर की निगरानी करती है. बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद भारत में घुसपैठ की आशंका बढ़ गई है, जिसके बाद बीएसएफ ने पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय और त्रिपुरा में बांग्लादेश बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी है. अगस्त महीने में ऐसी कई तस्वीरें सामने आई थीं, जब अल्पसंख्यक लोग भाग कर बंगाल बॉर्डर पर आ गए थे, जिन्हें बीएसएफ ने समझा कर वापस बांग्लादेश भेज दिया था.
पूर्व डीजी ने दी सफाई
ममता बनर्जी के ताजा आरोपों पर अभी तक बीएसएफ या फिर केन्द्र सरकार ने कोई टिप्पणी नहीं की है. हालांकि, पूर्व एडिशनल डीजी संजीव कृष्णन सूद ने जरूर ममता बनर्जी के आरोपों को एक सिरे से खारिज कर दिया. सूद ने कहा कि “बीएसएफ जानबूझकर घुसपैठ नहीं कराती है. चुनाव में बीएसएफ जवानों की ड्यूटी के चलते कभी-कभी सीमा पर निगरानी कम हो जाती है. ऐसे में घुसपैठ की आशंका बनी रहती है.”
सूद ने बताया कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर 164 गांव ऐसे हैं जो जीरो-लाइन पर हैं. क्योंकि भारत और बांग्लादेशी नागरिकों का रंग-रूप, भाषा और पहनावा एक जैसा है, ऐसे में पहचान करना मुश्किल हो जाता है कि कौन भारतीय नागरिक है और कौन बांग्लादेशी. ऐसे में बीएसएफ जवानों को ऐसे आधुनिक उपकरण मुहैया कराए जाएं, जिससे पहचान तस्दीक की जा सके. (बांग्लादेशी घुसपैठ के रैकेट का भंडाफोड़: दिल्ली पुलिस)