चीन से एलएसी विवाद सुलझाने की कवायद के बीच भारत, बॉर्डर पर इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने में जुटा है. यही वजह है कि इस साल रक्षा बजट में सीमावर्ती इलाकों में सड़क, टनल और ब्रिज सहित दूसरे मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बीआरओ के बजट में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है.
बॉर्डर रोड डेवलपमेंट (बीआरओ) का बजट इस साल 6500 करोड़ कर दिया गया है. समुद्री-तटों की सुरक्षा के लिए भी रक्षा बजट में 7651 करोड़ निर्धारित किए गए हैं.
मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार बनी सरकार के पहले बजट में रक्षा मंत्रालय के लिए 6.22 लाख करोड़ (75 बिलियन डॉलर) दिए गए. केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों में ये सबसे ज्यादा है. देश का रक्षा बजट, आम बजट का 12.90 प्रतिशत है.
हालांकि, पिछले साल (2023-24) के मुकाबले रक्षा बजट में मामूली 1124 करोड़ की कमी दिखाई पड़ी, लेकिन पेंशन बजट में हुई बढ़ोतरी के चलते कुल रक्षा बजट में 4.79 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इस साल डिफेंस पेंशन बजट 1.41 लाख करोड़ पहुंच गया है.
चीन, पाकिस्तान और आंतरिक सुरक्षा (आतंकवाद और उग्रवाद) से दो-दो हाथ कर रहीं देश की सेनाओं यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना के हथियार, सैन्य साजो-सामान और दूसरे उपकरणों के लिए कुल 1.72 लाख करोड़ रूपये आवंटित किए गए हैं. खास बता ये है कि इसमें से 75 प्रतिशत यानी 1.05 करोड़ स्वदेशी हथियारों के लिए निर्धारित किए गए हैं.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, वर्ष 2023-24 के मुकाबले इस साल (2024-25) में कैपिटल बजट में 9.40 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है.
वित्त मंत्री ने इस साल के रक्षा बजट में 92 हजार करोड़ रुपये सेनाओं की ऑपरेशन्स तैयारियों और युद्ध के मैदान में रख-रखाव के लिए रखे हैं. ये फंड, रक्षा बजट में निर्धारित रेवेन्यू-बजट से अलग है. इस साल राजस्व-खर्च कुल रक्षा बजट का करीब 15 प्रतिशत (14-82) प्रतिशत है. कैपिटल यानी पूंजी खर्च का है 27.66 प्रतिशत. पेय और अलाउंस का हिस्सा है 30.66 प्रतिशत. जबकि डिफेंस पेंशन का हिस्सा है 22.70 प्रतिशत.
रक्षा क्षेत्र में स्टार्ट-अप और एमएसएमई उद्योगों को बढ़ावे देने के लिए रक्षा बजट में आईडीईएक्स के तहत 518 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं. जबकि वर्ष 2023-24 में ये मात्र 115 करोड़ थी.
आम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ये बजट आत्मनिर्भर और समृद्ध के रास्ते पर चलते हुए विकसित भारत की तरफ ले जाने में मदद करेगा.
रक्षा बजट पर बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि ये सशस्त्र सेनाओं को मजबूत करेगा और डिफेंस में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, बीआरओ के बजट में 30 प्रतिशत बढ़ोतरी से पूर्वी लद्दाख में नियोमा एयरफील्ड (13,700 फीट), अंडमान निकोबार के सबसे दक्षिणी छोर की पंचायत से कनेक्टिविटी और हिमाचल प्रदेश में 4.1 किलोमीटर लंबी सिंकू-ला टनल सहित अरुणाचल प्रदेश की नेचिफू टनल बनाने में मदद मिलेगी.
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के लिए 23,855 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है जो पिछले साल के मुकाबले मामूली बढ़ा है.