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LCA Mk2 की एयरो-मसल मजबूत करेगा MRF टायर

एलसीए तेजस के उन्नत वर्जन ‘एलसीए मार्क-2’ के निर्माण का समय जैसे करीब आ रहा है, वैसे-वैसे उससे जुड़ी कंपनियां ने भी कमर कस ली है. दुनियाभर में अपने टायर के लिए प्रख्यात एमआरएफ कंपनी ने एलसीए एमके2 फाइटर जेट के व्हील (टायर) बनाकर तैयार कर लिए हैं. तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस पर इन दिनों चल रही ‘तरंगशक्ति एक्सरसाइज’ (6-14 अगस्त) के दौरान एमआरएफ ने ‘एयरो-मसल’ के नाम से अपने सबसे नए टायर की प्रदर्शनी लगाई है.  

सुलूर में तरंगशक्ति एक्सरसाइज के दौरान आयोजित डिफेंस एक्सपो में टीएफए  से खास बातचीत में एमआरएफ से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2006 से एमआरएफ कंपनी भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर के लिए खास टायर का निर्माण कर रही है.

एमआरएफ के मुताबिक, स्वदेशी फाइटर जेट एलसीए तेजस और एएलएच (ध्रुव) सहित चीता-चेतक हेलीकॉप्टर, सुखोई, मिग-29, रशियन आईएल-76 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, मी-17 हेलीकॉप्टर 

और जगुआर फाइटर जेट के बेहद टायर भी कंपनी ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और वायुसेना को सप्लाई किए हैं.

भारतीय नौसेना के रूसी फाइटर जेट मिग-29के और अमेरिकी टोही विमान पी8आई के बेहद ही मजबूत टायर भी एमआरएफ देश में ही तैयार कर रही है. कंपनी के अधिकारियों का दावा है कि पिछले दो दशक में कंपनी ने देश की एविएशन इंडस्ट्री और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से करीब 26 हजार व्हील (टायर) का निर्माण किया है.

तरंगशक्ति एक्सरसाइज में हालांकि, सभी की निगाहें एमआरएफ के सबसे नए टायर पर पड़ रही है जिन्हें एलसीए मार्क-2 वर्जन के लिए तैयार किया गया है. मार्क-2 वर्जन भारतीय वायुसेना के एलसीए मार्क-1 से मजबूत के साथ-साथ साइज में भी बड़ा है. ऐसे में मार्क-2 के टायर भी कंपनी द्वारा बड़े बनाए गए हैं. कंपनी के मुताबिक, एलसीए मार्क-1 के व्हील का साइज 26 X 8.0-14 है तो मार्क-2 के टायर का आकार 27.5 X 7.5-16 है. (https://x.com/FinalAssault23/status/1823630952989442316)

तरंगशक्ति एक्सरसाइज के दौरान डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) के चीफ डा. समिर वी कामत ने मीडिया से बातचीत में बताया कि एलसीए मार्क-2 का पहला प्रोटोटाइप एयरक्राफ्ट अगले दो साल यानी 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगा. उन्होंने ये भी बताया कि 2029 तक मार्क-2 फाइटर जेट का प्रोडक्शन 2029 से शुरु हो जाएगा.

वर्ष 2023 में केंद्र की मोदी सरकार ने एलसीए मार्क-2 के निर्माण लिए एचएएल को 9000 करोड़ रुपये की राशि दी थी. उसी वर्ष पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की यात्रा के दौरान यूएस एविएशन कंपनी जीई से एक करार के तहत एविएशन-इंजन भारत में ही बनाने का करार किया था. ये जीई-414 इंजन एलसीए मार्क-2 वर्जन में ही लगाए जाएंगे.

हालांकि, अभी एचएएल को अमेरिका से तल्ख संबंधों और ‘जियो-पॉलिटिक्स’ के चलते एलसीए-मार्क 1ए वर्जन को ही भारतीय वायुसेना को सप्लाई करने में खासी दिक्कत आ रही है. क्योंकि अमेरिका से मार्क-1ए वर्जन में लगने वाले जीई-404 इंजन की सप्लाई बाधित हो गई है. माना जा रहा है कि अगले महीने से इन इंजन की सप्लाई शुरु हो सकती है.

सूलुर में डीआरडीओ चीफ ने ये भी बताया कि फिफ्थ जेनरेशन स्टील्थ फाइटर जेट एमका (एएमसीए) यानी एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट का उत्पादन भी वर्ष 2035 से शुरु हो जाएगा.

हाल ही में डीआरडीओ चीफ ने राजधानी दिल्ली में डिप्टी एयर चीफ आशुतोष दीक्षित के साथ एलसीए मार्क-2 प्रोजेक्ट से जुड़े एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए यानी आडा) के अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की थी. उसके बाद ही एलसीए मार्क-2 और एमका की नई टाइमलाइन सामने आई है.

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