जिस नाटो के कारण यूरोप में अस्थिरता है, जिस नाटो को रूस-यूक्रेन युद्ध की जड़ माना जाता है, उस नाटो ने भारत, चीन और ब्राजील को धमकाया है. सिर्फ इसलिए क्योंकि रूस पर लगाए गए तमाम आर्थिक प्रतिबंधों के बाद भारत हो या फिर चीन, ने रूस को अकेला नहीं छोड़ा, दबाव के बावजूद रूस के साथ व्यापार जारी रखा है.
उस नाटो के महासचिव मार्क रूट के बोल तो सुनिए, जिसे नाटो का अस्तित्व बचाने के लिए ट्रंप की चरण वंदना करना पड़ा था. रूट ने कहा है कि दिल्ली, बीजिंग कृपया रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन करें और उन्हें बताएं कि उन्हें शांति वार्ता के बारे में गंभीर होना होगा, वरना इसका ब्राजील, भारत और चीन पर भारी असर पड़ेगा.
ट्रंप की शह पर नाटो महासचिव का बेतुका बोल, भारत,चीन,ब्राजील को दी प्रतिबंध की धमकी
नाटो महासचिव मार्क रूट ने बुधवार को चेतावनी दी कि “अगर ब्राजील, चीन और भारत जैसे देश रूस के साथ व्यापार जारी रखते हैं, तो उन पर दूसरे प्रतिबंध लग सकते हैं.” रूट ने यह टिप्पणी अमेरिकी कांग्रेस में सीनेटरों के साथ बैठक के दौरान की.
वहीं पत्रकारों से बातचीत के दौरान मार्क रूट ने कहा, “इन तीन देशों को मेरी विशेष सलाह यह है कि अगर आप अभी बीजिंग में रहते हैं या दिल्ली में हैं या आप ब्राजील के राष्ट्रपति हैं तो आपको इस पर गौर करना चाहिए, क्योंकि यह आपको बहुत बुरी तरह प्रभावित कर सकता है. कृपया रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन करें और उन्हें बताएं कि उन्हें शांति वार्ता के बारे में गंभीर होना होगा, वरना इसका ब्राजील, भारत और चीन पर भारी असर पड़ेगा.”
लंबी दूरी की मिसाइल पर पेंटागन, यूरोप में मित्र कमांडर और यूक्रेनियन काम कर रहे: मार्क रूट
नाटो महासचिव मार्क रूट का ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब कुछ दिनों पहले ही अमेरिका ने घोषणा की है कि वो यूक्रेन को पैट्रिएट मिसाइल देंगे, हालांकि यूक्रेन की ओर से 1300 किलोमीटर मारक क्षमता वाली टॉमहॉक क्रूज मिसाइल की मांग की गई है.
मार्क रूट ने कहा, “यूरोप यह सुनिश्चित करने के लिए धन जुटाएगा कि यूक्रेन शांति वार्ता में सबसे बेतहर स्थिति में रहे. ट्रंप के साथ हुए समझौते के तहत अमेरिका अब यूक्रेन को बड़े पैमाने पर हथियार देगा. वह सिर्फ वायु रक्षा प्रणाली ही नहीं, बल्कि मिसाइलें भी मुहैया कराएगा. मार्क रूट ने कहा, अमेरिका, यूरोपीय देशों की मदद से गोला-बारूद भी यूक्रेन को मुहैया कराएगा.”
यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें देने पर मार्क रूट ने कहा, “यह रक्षात्मक और आक्रामक दोनों है, इसलिए सभी प्रकार के हथियार हैं. इस पर अब पेंटागन, यूरोप में मित्र कमांडर और यूक्रेनियन की ओर से काम किया जा रहा है.”
ट्रंप ने जेलेंस्की में भरी चाभी, मॉस्को, सेंट पीटर्सबर्ग पर हमला करने पर भड़काया
4 जुलाई को जेलेंस्की के साथ बातचीत में ट्रंप ने ऑफर दिया कि अगर वो हथियार देने को हामी भरते हैं तो क्या यूक्रेन अटैक कर सकता है. फोन पर बातचीत के दौरान ट्रंप ने कथित तौर पर जेलेंस्की से पूछा था, “अगर आपको हथियार दें तो क्या आप मॉस्को पर हमला कर सकते हैं? क्या आप सेंट पीटर्सबर्ग पर भी हमला कर सकते हैं?”
इस पर जेलेंस्की ने भी ट्रंप को जवाब दिया था, “बिल्कुल. अगर आप हमें हथियार दें, तो हम हमला कर सकते हैं.”
पुतिन को 50 दिनों की ट्रंप की वॉर्निंग पर डरे अमेरिकी सीनेटर
अमेरिकी रिपब्लिकन सीनेटर थॉम टिलिस ने चिंता जाहिर करते हुए कहा, “मुझे डर है कि पुतिन इस 50 दिनों का उपयोग युद्ध जीतने या शांति समझौते के लिए बेहतर स्थिति बनाने के लिए करेंगे, जबकि उन्होंने यूक्रेन में हत्याएं की हैं और संभवतः अधिक जमीन हासिल की है, जिसे वह बातचीत का आधार बना सकते हैं.”
घटिया विदेशनीति के चलते घट रही ट्रंप की लोकप्रियता
इस साल जनवरी में जब अमेरिका की सत्ता में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एंट्री हुई तो उन्होंने रूस, चीन, उत्तर कोरिया के लिए मीठी-मीठी बातें की, सभी को अपना दोस्त बताया, वहीं ईयू और नाटो जैसी संस्था के खिलाफ ट्रंप बोलते दिखाई दिए थे. लेकिन अब 6 महीने बाद वैश्विक स्तर पर ट्रंप की बेलगाम और बार-बार बदलने-पिछड़ने वाली विदेश नीति से अमेरिका की साख गिरी, तो नाटो के साथ खड़े होते दिख रहे हैं ट्रंप.