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मोदी से पहले रुस जाएंगे भारत के जेम्स बॉन्ड

रूस और यूक्रेन में छिड़ी जंग के ढाई साल के बाद पूरी दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हुई हैं, तो अब दुनिया की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए जेम्स बॉन्ड एक्शन में आ गए हैं. 

खबर ये है कि पीएम मोदी का दाहिना हाथ माने जाने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोवल अगले सप्ताह रूस का दौरा करेंगे. अजीत डोवल अक्टूबर में रूस के कजान में होने वाले शिखर सम्मेलन से पहले ब्रिक्स एनएसए की बैठक में शामिल होंगे.

इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बाद इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भी जेलेंस्की के साथ मुलाकात के बाद कहा है कि “भारत यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.” 

रुस जाएंगे अजीत डोवल, चीन से अलग से होगी बात
पीएम मोदी जुलाई में रूस गए थे और उसके बाद यूक्रेन. लौटने के बाद पिछले महीने के आखिर में पीएम मोदी की रूसी राष्ट्रपति पुतिन से लंबी वार्ता हुई. फिर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से फोन पर बात हुई. ये बातचीत यू हीं नहीं थी, बल्कि यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध को खत्म करने की पहल भी थी.

इस बातचीत के बाद अमेरिका के साथ-साथ रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि “भारत, चीन और ब्राजील (ब्रिक्स देश) पर उन्हें भरोसा है. ये तीनों देश मध्यस्थता करा सकते हैं.” 

पुतिन के साथ बातचीत और उनके बयान के बाद अब एनएसए अजीत डोवल रूस पहुंचेंगे. पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा के बाद शांति समझौते से जुड़ी बातों पर चर्चा की जाएगी. दोनों देशों में शांति कैसे और किन शर्तों पर कायम की जाए रूस पहुंचकर अजीत डोवल चर्चा करेंगे. 

यात्रा के दौरान, अजीत डोवल की रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात संभव है. चीनी समकक्ष के साथ भी एक अलग मीटिंग होने की संभावना है.

अजीत डोवल जिस बैठक में शामिल होंगे वो ब्रिक्स एनएसए की बैठक है. आतंकवाद से निपटने और शिखर सम्मेलन के एजेंडे को अंतिम रूप देने पर केंद्रित होगी. यह बैठक पिछले साल पांच नए सदस्यों सऊदी अरब, यूएई, ईरान, मिस्र और इथियोपिया के समूह में शामिल होने के बाद पहली ब्रिक्स एनएसए बैठक होगी.

भारत रुकवा सकता है रूस-यूक्रेन युद्ध: जॉर्जिया मेलोनी
रूस और यूक्रेन के बीच जारी विवाद के बीच इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने बड़ा बयान दिया है. इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी ने शनिवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात के बाद कहा, “रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के समाधान में भारत और चीन भूमिका निभा सकते हैं.”

मेलोनी ने अपने संबोधन में कहा, “इटली के लिए यूक्रेन का समर्थन करने का विकल्प सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हित का विकल्प रहा है, और यह एक ऐसा विकल्प है जो नहीं बदलेगा. मेरा मानना है कि संघर्ष को सुलझाने में चीन और भारत की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है.”

हम शांति वार्ता के पक्ष में हैं: पुतिन
व्लादिमीर पुतिन ने पिछले हफ्ते बड़ा बयान देते हुए कहा था, “क्या हम यूक्रेन साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं? हमने ऐसा करने से कभी इनकार नहीं किया है. लेकिन वार्ता कुछ अल्पकालिक मांगों के आधार पर नहीं होगी, बल्कि उन दस्तावेजों के आधार पर होगी जिन पर शुरुआती दिनों में इस्तांबुल में सहमति बनी थी.”

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