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Op Juniper कमांडर को अहम जिम्मेदारी, डोकलाम में चीन के छुड़ाए थे छक्के

छह साल पहले डोकलाम में चीन के दांत खट्टे करने वाले मिलिट्री कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल आर सी तिवारी को भारतीय सेना की फोर्ट विलियम (कोलकाता) स्थित पूर्वी कमान का कमांडिंग इन चीफ नियुक्त किया गया है. पहली जनवरी से लेफ्टिनेंट जनरल तिवारी अपना कार्यभार संभालेंगे. वे फिलहाल उत्तर-भारत एरिया के जीओसी के पद पर तैनात थे. सेना की पूर्वी कमान के अंतर्गत डोकलाम सहित पूरा सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से सटी चीन सीमा (एलएसी) की जिम्मेदारी है. 

लेफ्टिनेंट जनरल तिवारी वर्ष 1987 में भारतीय सेना में कमीशन हुए थे और मूलत: कुमाऊं रेजीमेंट के अफसर हैं. वर्ष 2017 के मध्य में भूटान के डोकलाम में हुए चीन से सीमा विवाद के दौरान ले.जनरल तिवारी गंगटोक स्थित 17 माउंटेन डिव (ब्लैक कैट डिवीजन) के जनरल ऑफिसर कमांडिंग यानी जीओसी थे. 72 दिनों तक चले फेस-ऑफ के दौरान भारतीय सेना ने चीन की पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) के पांव उखाड़ दिए थे. तत्कालीन थलेसना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (बाद में सीडीएस) की अगुवाई में चीन के खिलाफ ‘ऑपरेशन ज्यूनिपर’ छेड़ा गया था. इस ऑपरेशन को ग्राउंड पर ब्लैक कैट डिवीजन ने ही अंजाम दिया था और भारतीय सेना डोकलाम में डटी रही थी. इसके बाद ही चीन को शांति-वार्ता के लिए तैयार होना पड़ा था. 

जनरल रावत और ले. जनरल तिवारी (उस वक्त मेजर-जनरल) ने ये सुनिश्चित किया था कि चीनी सेना डोकलाम के तोरसा नाले को किसी भी तरह पार कर सड़क ना बना पाए. अगर ऐसा होता तो भारत का सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकन-नेक) चीनी सेना की जद में आ सकता था. उस शांति-वार्ता का नतीजा ये हुआ कि अब भारत और चीन के फील्ड कमांडर (कमांडिंग ऑफिसर) रोजाना डोकलाम में ‘सुबह की चाय एक साथ पीते हैं’. 

डोकलाम में मुंह की खाने के बाद चीन ने भूटान से दोस्ती की पींग बढ़ानी शुरु कर दी हैं. चीन ने तोरसा नाले के पूर्व और उत्तर में भूटान की सीमा में अपने मिलिट्री-विलेज बनाने शुरु कर दिए हैं. इन गांवों को युद्ध के वक्त सैन्य-छावनियों में तब्दील किया जा सकता है. ऐसे में जनरल तिवारी का पूर्वी कमान का कमांडर (आर्मी कमांडर) बनाया जाना बेहद अहम हो जाता है. गलवान घाटी की झड़प (जून 2020) के बाद से ही पूर्वी लद्दाख से लेकर उत्तराखंड और सिक्किम से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीनी सेना के साथ कई झड़प की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. 

 ले.जनरल तिवारी उत्तर एरिया के जीओसी से पहले जयपुर स्थित साउथ-वेस्ट कमान में चीफ ऑफ स्टाफ और दीमापुर (नागालैंड) स्थित 3 कोर (स्पियर कोर) के जीओसी के पद पर भी रह चुके हैं. वर्ष 2021 में उन्हें राष्ट्रपति ने अति-विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) से नवाजा था. मणिपुर में शांति बहाली और उत्तर-पूर्व के राज्यों में म्यांमार से सटी सीमा पर उग्रवाद की घटनाओं को नियंत्रित करना भी उनकी अहम प्राथमिकता होगी.  1 जनवरी (2024) को पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आर पी कलीता रिटायर हो रहे हैं. ले.जनरल तिवारी उनकी जगह लेंगे.

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