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यूएन में पाकिस्तान की किरकिरी, भारत के खिलाफ प्लानिंग धरी रह गई

अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की सारी प्लानिंग धरी की धरी रह गई. यूएनएससी में गिड़गिड़ाकर, रो कर, बिलखकर पाकिस्तान ने पहलगाम मामले पर बैठक बुलाई थी. लेकिन यूएनएससी से भी पाकिस्तान को निराशा हाथ लगी है.

क्लोज डोर मीटिंग में उसने भारत के खिलाफ किसी प्रस्ताव या बयान को पारित करवाने की कोशिश की, लेकिन कोई सदस्य देश उसके साथ नहीं खड़ा हुआ. पाकिस्तान को युद्ध का डर सता रहा है, इसलिए पाकिस्तान के अनुरोध पर ही बैठक बुलाई गई थी. लेकिन यूएनएससी में बेनतीजा निकली बैठक से पाकिस्तान को ही बड़ा झटका मिला है.

पाकिस्तान ने बंद कमरे में बैठक का किया था अनुरोध

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा स्थिति पर बंद कमरे में चर्चा की गई. यह चर्चा महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा परमाणु हथियार संपन्न दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव के “पिछले कई वर्षों के उच्चतम स्तर” पर पहुंच जाने पर चिंता जताए जाने के कुछ घंटों शुरू हुई.

वर्तमान में 15 देशों वाली सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य पाकिस्तान ने स्थिति पर ‘बंद कमरे में बैठक’ का अनुरोध किया था. लेकिन बैठक खत्म होने के बाद यूएन ने भारत के खिलाफ कोई भी बयान जारी करने से इनकार कर दिया है.इस बैठक में न तो कोई आधिकारिक बयान जारी किया गया और न ही कोई प्रेस विज्ञप्ति जारी की की गई.

पाकिस्तान का फॉल्स फ्लैग नैरेटिव यूएन में खारिज

यूएनएससी के सदस्यों के साथ क्लोज-डोर मीटिंग में पाकिस्तान के भारत को लेकर गढ़े गए नैरेटिव पर सवाल उठाए गए. यूएन सदस्यों ने पाकिस्तान के फॉल्स फ्लैग नैरेटिव को सिरे से खारिज कर दिया. फॉल्स फ्लैग मतलब एक ऐसी सैन्य कार्रवाई जहां पर एक देश छिपकर, जानबूझकर स्वयं की संपत्ति, लोगों को जान को नुकसान पहुंचाता है.

इसके बजाए यूएन में पहलगाम हमले में पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका को लेकर सवाल खड़े किए. इस बैठक के दौरान संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की. कुछ सदस्यों ने धर्म के आधार पर पर्यटकों को निशाना बनाए जाने का मुद्दा उठाया. कुछ देशो ने पाकिस्तान के मिसाइल टेस्ट को उकसावे वाली कार्रवाई बताते हुए इस पर चिंता जताई.

यूएन ने नाकाम की पाकिस्तान की चाल

भारत के एक के बाद एक कूटनीतिक एक्शन से परेशान पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से भारत को घेरने की रणनीति बनाई थी. यूएन की आड़ में छिपकर पाकिस्तान ने भारत को कटघरे में खड़ा करने की साजिश रची थी. लेकिन यूएनएससी की चुप्पी ने पाकिस्तान के सारे नापाक इरादों को धराशाई कर दिया है.

चीन भी पाकिस्तान की मदद के लिए कह रहा है, लेकिन यूएन के मंच पर चीन ने भी खुलकर पाकिस्तान का साथ नहीं दिया. पाकिस्तान यूएन का अस्थाई सदस्य चुना गया था लेकिन बंद कमरे में पाकिस्तान द्वारा रची गया चक्रव्यूह तोड़ दिया गया है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने की भारत-पाकिस्तान से अपील

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में कहा, “भारत और पाकिस्तान दोनों देशों को सैन्य टकराव से बचना जरूरी है, जो आसानी से नियंत्रण से बाहर हो सकता है, खास तौर पर इस महत्वपूर्ण समय में. अब अधिकतम संयम और युद्ध की कगार से पीछे हटने का समय है. दोनों देशों के साथ अपने निरंतर संपर्क में यही मेरा संदेश रहा है. कोई गलती न करें, सैन्य समाधान कोई समाधान नहीं है, और मैं शांति की सेवा में दोनों सरकारों को अपना आशीर्वाद देता हूं. संयुक्त राष्ट्र किसी भी ऐसी पहल का समर्थन करने के लिए तैयार है जो तनाव कम करने की कूटनीति और शांति के लिए नई प्रतिबद्धता को बढ़ावा दे.”

भारत में सिविल ड्रिल ने बढ़ाई पाकिस्तान की चिंता

भारत के गृह मंत्रालय ने किसी भी तरह के हमले से निपटने के लिए देशव्यापी मॉक ड्रिल के निर्देश दिए हैं. इस तैयारी का मतलब है कि भारत अपने नागरिकों को सुरक्षित बनाने के लिए सशक्त बना रहा है. ताकि युद्ध जैसी परिस्थिति से कैसे निपटना है, ये नागरिकों को पता चले. ये ड्रिल पूरे भारत में 7 मई यानि बुधवार को की जाएगी. प्रमुख संस्थानों के साथ-साथ स्कूलों में भी इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी. ब्लैकआउट और कैमोफ्लॉज तकनीकि के बारे में जानकारी दी जाएगी. ये ड्रिल साल 1971 के युद्ध के बाद पहली बार की जा रही है, जिसके बारे में सुनकर पाकिस्तान के होश उड़ गए हैं, क्योंकि पाकिस्तान को लग रहा है कि भारत किसी भी वक्त हमला कर सकता है.

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