सीपीईसी प्रोजेक्ट में काम करने वाले चीनी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर परेशान पाकिस्तान ने अब पूर्व-सैनिकों की मदद लेने का प्लान तैयार किया है. ये कदम, इस्लामाबाद में चीन के राजदूत की नाराजगी के बाद सामने आया है.
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के पुलिस अधिकारियों ने चीनी नागरिकों और प्रोजेक्ट में तैनात सिक्योरिटी एजेंसियों को अब पूर्व (पाकिस्तानी) सैनिकों की ही सेवाएं लेने का निर्देश दिया है. यानी सिक्योरिटी एजेंसियों अब पूर्व-सैनिकों के जरिए ही चीनी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी.
दरअसल, पिछले हफ्ते सिंध की राजधानी कराची में एक सिक्योरिटी गार्ड ने दो चीनी नागरिकों को गोली मार दी थी. इससे पहले कराची एयरपोर्ट के बाहर हुए एक सुसाइड अटैक में दो चीनी नागरिकों की जान चली गई थी. घटना में कई चीनी नागरिक घायल भी हुए थे.
इससे पहले भी खैबर-पख्तूनख्वा और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में भी चीन-पाकिस्तान ईकोनोमिक कोरिडोर (सीपीईसी) में काम करने वाले इंजीनियर और कर्मचारियों की गाड़ियों पर हमले हो चुके हैं.
पिछले महीने इस्लामाबाद में तैनात चीनी राजदूत जियांग जेडोंग ने पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हो रहे हमलों पर चिंता जताई थी. चीनी राजदूत ने सार्वजनिक कार्यक्रम में पाकिस्तानी सरकार से चीनी नागरिकों की सुरक्षा की मांग की थी.
चीनी राजदूत के इस कथन से पाकिस्तान को मिर्ची लग गई थी. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने चीनी राजदूत के बयान पर ‘हैरानी’ जताते हुए डिप्लोमैटिक ‘प्रोटोकॉल का उल्लंघन’ करार दिया था.
चीन ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि अगर उसके नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई तो चीनी सेना को पाकिस्तान में तैनात कर दिया जाएगा.