प्रोपेगेंडा फैलाने के मास्टर पाकिस्तान ने तो अब अमेरिका को भी नहीं बख्शा. लेकिन अमेरिका ने बेशर्म पाकिस्तान के उन दावों की पोल खोल दी है, जिसमें पाकिस्तान ये कहता फिर रहा था कि उसे वाशिंगटन से एआईएम-120 एडवांस्ड मीडियम-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (एएमआरएएएम) मिसाइल मिल रही हैं.
अमेरिकी प्रशासन ने बयान जारी करके कहा है कि ये खबरें झूठी हैं. अमेरिका, पाकिस्तान को ऐसी किसी भी तरह की मिसाइल नहीं दे रहा है.
हम पाकिस्तान को नहीं दे रहे मिसाइल: व्हाइट हाउस
अमेरिका ने उन खबरों को खारिज कर दिया है जिसमें पाकिस्तान की ओर से दावा किया जा रहा था कि उन्हें एडवांस्ड मीडियम-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल की आपूर्ति की जाएगी. व्हाइट हाउस ने औपचारिक बयान जारी करके कहा कि “मीडिया में चल रहा है कि अमेरिकी एएमआरएएएम मिसाइलें पाकिस्तान को देने जा रहा है. लेकिन इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है.”
व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया, कि कॉन्ट्रैक्ट में नई डिलीवरी या अपग्रेड का कोई प्रावधान नहीं. एएमआरएएएम मिसाइलें अमेरिकी एफ-16 जेट्स पर लगती हैं. पाकिस्तान के पास पहले से C5 वेरिएंट हैं, जो 2010 में मिली थीं. नई C8 वेरिएंट एक्सपोर्ट मॉडल है, लेकिन ये अनुबंध सिर्फ स्पेयर्स के लिए है.
पाकिस्तान ने उड़ाई फर्जी खबर, रखरखाव वाले कॉन्ट्रैक्ट को कहा, अमेरिका से मिल रही नई मिसाइलें
अमेरिकी युद्ध विभाग ने 30 सितंबर 2025 को एक सामान्य अनुबंध सूची जारी की थी. कई देशों, जिसमें पाकिस्तान के लिए विदेशी सैन्य बिक्री (एफएमएस) कॉन्ट्रैक्ट में संशोधन का जिक्र था. ये संशोधन पुराने कॉन्ट्रैक्ट में रखरखाव और स्पेयर पार्ट्स के लिए था. लेकिन पाकिस्तानी सेना ने गलत खबरें फैला दीं कि पाकिस्तान को नई एडवांस्ड मीडियम-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइलें मिल रही हैं. लेकिन अमेरिका ने खुद सामने से आकर कह दिया है कि ऐसी कोई नई मिसाइल नहीं मिल रही है.
अमेरिका युद्ध विभाग के कॉन्ट्रैक्ट में था क्या, पाकिस्तान ने कहा क्या?
पिछले महीने अमेरिकी युद्ध विभाग ने एक पुराने एफएमएस कॉन्ट्रैक्ट में बदलाव की घोषणा की. अमेरिका की सूची में संशोधन कई देशों के लिए था – जैसे ब्रिटेन, पोलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान. कॉन्ट्रैक्ट का फोकस रखरखाव और स्पेयर पार्ट्स पर था, यानी पुरानी मिसाइलों को चलाने और ठीक करने के लिए सामान. कुल मूल्य 2.51 बिलियन डॉलर का अनुबंध है, जिसमें 41.6 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त संशोधन. काम मई 2030 तक पूरा होना है.
लेकिन पाकिस्तानी सेना ने कहा ये कि रेथियॉन कंपनी के साथ 2.5 अरब डॉलर के सौदे में पाकिस्तान को एआईएम-120 के सी 8 और डी 3 वेरिएंट्स मिलेंगे, जिनकी डिलीवरी मई 2030 तक पूरी होगी.
पाकिस्तान ने ये अफवाह उड़ा दी कि उन्हें नई एएमआरएएएम मिसाइलें मिल रही हैं, जो उसके एफ-16 जेट्स को अपग्रेड करेंगी. यानि पाकिस्तान ने इसके जरिए भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की थी, लेकिन पाकिस्तान की खुशी चंद दिनों की ही मेहमान थी.
एएमआरएएएम के बारे में जानिए, क्यों बढ़ा सकती थी भारत की टेंशन
दरअसल ये हवा से हवा में मार करने वाली बेहद घातक मिसाइल है. निशाना अचूक है, टारगेट सटीक रहता है. एआईएम- 120 को ह्यूजेस एयरक्राफ्ट कंपनी और रेथियॉन कंपनी मिलकर बनाती है. ये हवा से हवा में 20 मील तक मार करने की क्षमता रखती है. सुपरसोनिक स्पीड से टारगेट की ओर बढ़ती है. ‘लुक-डाउन, शूट-डाउन’ क्षमता भी रखती है, यानी यह निचले स्तर पर उड़ने वाले दुश्मन विमानों को भी नष्ट कर सकती है.
पाकिस्तान की ओर से आई रिपोर्ट से एक्सपर्ट्स ने भारत के लिए चिंता बताई थी, कि अगर अमेरिका ऐसी खतरनाक मिसाइल पाकिस्तान को देता है, तो क्षेत्रीय तनाव बढ़ सकता है. लेकिन अब ऐसे खबरें बेबुनियाद निकली हैं.