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सीरिया में शांति आसान नहीं, कुर्दिस्तान की जंग भी जारी

कट्टरपंथी इस्लामिक विद्रोहियों के राजधानी दमिश्क पर कब्जे के बावजूद सीरिया में जल्द शांति के आसार नहीं दिखाई पड़ रहे हैं. क्योंकि अमेरिका और इजरायल, दोनों ने विद्रोहियों और आतंकी संगठन आईएस के ठिकानों पर गोलाबारी शुरू कर दी है. वहीं टर्की ने अमेरिका-समर्थित कुर्द संगठनों के ठिकानों को निशाना बनाना शुरु कर दिया है. ऐसे में सीरिया के कुर्द समुदाय के स्वायत्त-क्षेत्र बनाने का सपना जल्द हकीकत बनता नहीं दिखाई पड़ रहा है.

सीरिया के उत्तर-पूर्वी इलाकों में सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्सेज (एसडीएफ) का बोलबाला है जिसमें 30-40 हजार कुर्द लड़ाके हैं. एसडीएफ को पिछले कई सालों से यूएस फोर्सेज समर्थन करती आई हैं.

कुर्द लड़ाकों को हालांकि, आतंकी संगठन आईएसआईएस के खिलाफ एक भीषण जंग के बाद इलाके पर अधिकार मिला है. इसमें सीरिया का एक बड़ा शहर रक्का शामिल है.

कुर्द संगठनों को समर्थन कर अमेरिका ने भी आईएसआईएस और अलकायदा के खिलाफ निर्णायक हमले किए थे.

दरअसल, सीरिया के कुर्द, तुर्की, ईराक और ईरान से सटे इलाकों को मिलाकर एक अखंड-कुर्दिस्तान बनाने की मांग करते आए हैं. लेकिन इस सपने में तुर्की एक बड़ा रोड़ा है.

तुर्की की एर्दोगन सरकार किसी कीमत पर कुर्द समुदाय को अलग देश बनाने नहीं देना चाहती है. यही वजह है कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के कमजोर होने और देश छोड़कर भागने के दौरान तुर्की ने यूएस समर्थित कुर्द संगठनों के ठिकानों पर हवाई हमले शुरू कर दिए.

विद्रोही संगठन हयात तहरीर अल शाम (एचटीएस) ने सीरियाई सेना के साथ मिलकर टर्की को समर्थन देनी की तैयारी कर ली है. ऐसे में कुर्द लड़कों और विद्रोहियों के बीच जंग छिड़ सकती है.

जवाब में अमेरिका ने भी सीरिया में सक्रिय आईएसआईएस के ठिकानों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. इजरायल ने भी सीरिया के उन सैन्य ठिकानों पर बमबारी की जो विद्रोही एचटीएस के कब्जे में जाने वाले थे और जहां बड़ी मात्रा में हथियारों के रखे होने की आशंका थी.

सीरिया में अमेरिका के 75 से ज्यादा हवाई हमले
अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने बताया कि सुरक्षा बलों ने रविवार को मध्य सीरिया में इस्लामिक स्टेट के ठिकानों पर दर्जनों हवाई हमले किए.

अमेरिका के सेंट्रल कमांड के मुताबिक, “युद्धग्रस्त सीरिया में आईएसआईएस को पनपने से रोकने के लिए बमबारी की गई है. अमेरिका ने बी 52, एफ 15, और ए 10 समेत कई वायुसेना के बलों का प्रयोग करते हुए आईएसआईएस पर टारगेट किया गया. 75 से ज्यादा हवाई हमले किए गए.”

अमेरिका के जनरल माइकल एरिक कुरिल्ला ने कहा कि “इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि हम आईएसआईएस को दोबारा संगठित होने और सीरिया में वर्तमान स्थिति का लाभ उठाने की अनुमति नहीं देंगे. सीरिया में सभी संगठनों को पता होना चाहिए कि अगर वो किसी भी तरह से आईएसआईएस के साथ पार्टनरशिप करते हैं या उसका समर्थन करते हैं. तो हम उन्हें करारा जवाब देंगे.”

खात्मे की कगार पर है आतंकी संगठन आईएसआईएस
पिछले कुछ सालों में अमेरिका की कार्रवाई के चलते आतंकी संगठन आईएसआईएस का लगभग खात्मा हो चुका है. सारे बड़े कमांडर्स मारे जा चुके हैं पर अमेरिका को इस बात की आशंका है कि सीरिया में फैली अशांति के बाद बचे कुचे आतंकी कमांडर्स एक बार फिर से संगठन को खड़ा करने की कोशिश कर सकते हैं. लिहाजा अमेरिका ने डराने के लिए बमबारी को अंजाम दिया है. साथ ही एयर स्ट्राइक करके अमेरिका ने विद्रोहियों को भी सख्त मैसेज दिया है.

सीरिया में इजरायल का ऑपरेशन न्यू ईस्ट शुरु
अमेरिका के अलावा इजरायल ने भी गोलान हाइट्स के बफर जोन पर कब्जे के बाद सीरिया में एयर स्ट्राइक की है.

इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आई़डीएफ) के मुताबिक, सीरिया में 100 से ज्यादा सटीक हमले किए गए हैं. इजरायली सेना ने कहा है कि सीरिया में सैन्य ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की गई है, ये वो ठिकाने हैं जिनके विद्रोहियों और कट्टरपंथियों के हाथ आने से इजरायल की सुरक्षैा को खतरा हो सकता है.

वहीं बफर जोन में इजरायली सैनिक, टैंकों के साथ मौजूद हैं और अब सीरियाई सीमा पर इजरायल अपनी सुरक्षा को पुख्ता कर रहा है.

साफ है कि सीरिया में विद्रोहियों के सत्ता हथियाने के बाद भी लोगों को शांति नहीं होगी.

 

 

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