भारत के साथ संबंधों को सुधारने और एलएसी पर और तनातनी कम करने के लिए नई दिल्ली पहुंचे चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने एस जयशंकर से मुलाकात की है. पीएम नरेंद्र मोदी और एनएसए अजीत डोवल के साथ मुलाकात से पहले वांग यी ने अपने समकक्ष एस जयशंकर से बात की है. बातचीत के बाद एस जयशंकर ने कहा है कि भारत-चीन के बीच मतभेद विवाद नहीं बनने चाहिए.
भारत-चीन के बीच मतभेदों को विवाद नहीं बनना चाहिए: एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के दौरान भारत-चीन के आपसी आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित के तीन सिद्धांतों पर आधारित होना चाहिए. जयशंकर ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों के बीच मतभेद विवाद नहीं बनने चाहिए.
एस. जयशंकर ने वांग यी के साथ हुई बैठक को द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने और वैश्विक स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान करने का एक अच्छा मौका बताया है.
एस जयशंकर ने कहा, “हमारे संबंधों ने एक कठिन दौर देखा है, और अब हम आगे बढ़ना चाहते हैं. इसके लिए दोनों पक्षों की ओर से एक स्पष्ट और रचनात्मक दृष्टिकोण की जरूरत है. विभिन्नताएं विवाद का कारण नहीं बननी चाहिए, और प्रतिस्पर्धा टकराव में नहीं बदलनी चाहिए.
एस जयशंकर ने कहा, “हमारे आर्थिक और व्यापारिक मुद्दों, तीर्थयात्राओं, लोगों के बीच संपर्क, नदी डेटा साझाकरण, सीमा व्यापार, संपर्क और द्विपक्षीय आदान-प्रदान पर उपयोगी बातचीत हुई. वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान हुआ. मुझे विश्वास है कि आज की हमारी चर्चाएँ भारत और चीन के बीच एक स्थिर, सहयोगात्मक और दूरदर्शी संबंध बनाने में योगदान देंगी.”
आतंकवाद से सभी रूपों के खिलाफ लड़ाई प्राथमिकता है: एस जयशंकर
एस जयशंकर ने पश्चिमी हिमालय में विवादित सीमा पर अग्रिम चौकियों से दोनों देशों द्वारा सैनिकों को वापस बुलाने की जरूरत पर भी जोर दिया, जहां 2020 में हुई झड़प हुई थी. वहीं आतंकवाद के मुद्दे पर भी बात की. एस जयशंकर ने कहा, “आतंकवाद के सभी रूपों खिलाफ लड़ाई एक और प्राथमिकता है.
आपको बता दें कि पहलगाम नरसंहार के बाद पाकिस्तान की मदद के लिए चीन और तुर्किए ही सबसे आगे थे.
भारत-चीन के रिश्ते बेहतर बन सकते हैं: वांग यी
चीनी विदेश मंत्री ने बातचीत में कहा कि “यह महत्वपूर्ण है कि सीमा पर तनाव कम होता रहे. दोनों देशों ने कई चुनौतियां देखी हैं, हमारे रिश्ते बेहतर बन सकते हैं, लेकिन दोनों देशों को एक साथ आगे बढ़ना होगा.”
सीमा विवाद पर एनएसए डोवल और वांग यी के बीच वार्ता
चीनी विदेश मंत्री वांग यी और एनएसए अजीत डोवल के बीच मंगलवार को द्विपक्षीय वार्ता होगी, जिसमें एलएसी पर सीमा विवाद को लेकर चर्चा की जाएगी. सीमा विवाद सुलझाने के लिए भारत की ओर से अजीत डोवल और चीन की ओर से वांग यी विशेष प्रतिनिधि हैं. मंगलवार को विशेष प्रतिनिधि सीमा विवाद पर अगली दौर की वार्ता को आगे बढ़ाएंगे.
पीएम मोदी से मिलेंगे वांग यी, देंगे शी जिनपिंग का न्योता
मंगलवार को शाम साढ़े 5 बजे चीनी विदेश मंत्री पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. इस दौरान वांग यी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का संदेश देंगे और एसएसीओ की बैठक में चीन आने के लिए आमंत्रित करेंगे. इस महीने के अंत में 31 अगस्त और 01 सितंबर को चीन में एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी, चीन जाएंगे.
चीनी विदेश मंत्री का भारत आना और पीएम मोदी का चीन जाना वैश्विक उथलपुथल के बीच बेहद अहम माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि चीन में पीएम मोदी, शी जिनपिंग और पुतिन के बीच त्रिस्तरीय वार्ता हो सकती है. जिस तरह से अमेरिका ने रूस के साथ व्यापार करने के कारण भारत पर टैरिफ लादा है, उससे इस त्रिस्तरीय वार्ता की अहमियत बढ़ जाती है. वहीं अमेरिकी एक्सपर्ट भी मान रहे हैं कि ट्रंप के फैसले के कारण सबसे पक्का एशियाई दोस्त भारत, यूएस से दूर होकर चीन और रूस के पाले में चला गया है.