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Why Guyana: मोदी मिले 31 राष्ट्राध्यक्षों से, बनाया कूटनीति का नया रिकॉर्ड

पांच दिनों में तीन देशों की सफल यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली लौट आए हैं. 16 से 21 नवंबर तक पीएम मोदी का ये दौरा इसलिए खास रहा क्योंकि पीएम मोदी ने 31 देशों के राष्ट्राध्यक्षों से द्विपक्षीय वार्ता की और कई वैश्विक नेताओं से अनौपचारिक मीटिंग की.

पीएम मोदी ने नाइजीरिया के दौरे और ब्राजील में जी-20 समिट से इतर 10 बड़ी बैठक की. गुयाना दौरे के दौरान 9 द्विपक्षीय बैठकें की. पीएम मोदी ने नाइजीरिया में राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक की. ब्राजील में रियो डी जेनेरियो, इंडोनेशिया, पुर्तगाल, इटली, नॉर्वे, फ्रांस, ब्रिटेन, चिली, अर्जेंटीना और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं. इस दौरान पीएम मोदी को नाइजीरिया, गुयाना और डोमिनिका ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा. 

पीएम मोदी का गुयाना दौरा अहम क्यों था, क्या है कूटनीतिक वजह?

पीएम मोदी ने ब्राजील में जी 20 की बैठक के अलावा नाइजीरिया और गुयाना का भी दौरा किया. 56 साल बाद किसी भारतीय पीएम ने अपने दौरे के लिए गुयाना को चुना. जिस वक्त पीएम मोदी गुयाना पहुंचे तो खुद प्रोटोकॉल तोड़ते हुए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने उन्हें रिसीव किया. कैसे गर्मजोशी से पीएम मोदी का स्वागत किया गया, ये हर किसी ने देखा.

गुयाना के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को देखते ही गले लगा लिया. पीएम मोदी के गुयाना दौरे से वहां की सरकार इतनी उत्साहित थी कि आधे से ज्यादा मंत्री एयरपोर्ट पर मौजूद थे. पीएम मोदी को गुयाना ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस’ से सम्मानित किया. (https://x.com/narendramodi/status/1859958448055611883)

दक्षिण अमेरिका का छोटा से देश गुयाना हाल ही में चर्चा में आया है, जिसकी वजह है उसका तेल और गैस भंडार. गुयाना तेजी से बढ़ती अर्थव्यस्था वाले देशों में एक है. साथ ही तकरीबन 40 प्रतिशत लोग भारतीय हैं, जिससे भारत के साथ गुयाना का एक भावनात्मक रिश्ता जुड़ जाता है. राजनीतिक स्थिरता और जनता के प्रति जवाबदेह साफ-सुथरी सरकार कैरेबियाई क्षेत्र में गुयाना एक अहम देश के तौर पर उभरा है.

गुयाना से क्या है भारत को फायदा?

गुयाना में मिला नया तेल भंडार वैश्विक स्तर पर एक बड़ा रोल अदा कर सकता है. अबतक जब भी तेल की बात की जाती है तो सऊदी अरब और मिडिल ईस्ट के आगे कोई सोच नहीं पाता है. पर ग्लोबल साउथ और कैरिबियाई क्षेत्र में गुयाना इस तेल के बलबूते अपनी मजबूत स्थिति दर्ज करा रहा है. अमेरिका के एनर्जी इन्फॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक गुयाना के पास लगभग 11 अरब बैरल से ज्यादा का तेल है. इसके अलावा गुयाना लगातार अपनी समुद्री सीमा में तेल खोज रहा है.

भारत अभी रूस, इराक, सऊदी अरब, नाइजीरिया और यूएई से तेल और ऊर्जा लेता है. गुयाना में नए तेल भंडार पाए जाने के बाद भारत में संबंध प्रगाढ़ बन रहे हैं. भारत तेल और ऊर्जा का एक बड़़ा हिस्सा आयात करता है, ऐसे में गुयाना के साथ तेल आयात पर दीर्घकालीन संधि की बात चल रही है. ये सौदा दोनों ही देशों के लिए फायदेमंद है.

पीएम मोदी का सबसे व्यस्त विदेश दौरा

ब्राजील में 10 द्विपक्षीय बैठकों में पीएम मोदी ने पांच देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ पहली बार मुलाकात की. इनमें इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्राबोवो सुबियांतो, पुर्तगाल के प्रधानमंत्री लुइस मोंटेनेग्रो, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, चिली के राष्ट्रपति गैब्रियल बोरिक और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिले शामिल हैं.

ब्राजील में पीएम मोदी ने सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, मिस्र, अमेरिका, स्पेन, यूरोपीयन यूनियन की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख नगोजी ओकोन्जो, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अधानोम और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख क्रिस्टिलिना से मुलाकात की.

गुयाना में पीएम मोदी ने कैरेबियाई देशों के समूह के साथ कैरिकॉम समिट में हिस्सा लिया. इस समिट में कैरेबियाई रीजन के 12 देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने हिस्सा लिया था. इस दौरान प्रधानमंत्री ने गुयाना के राष्ट्रपति के अलावा डोमिनिका, बहामास, त्रिनिडाड एंड टोबैगो, सूरीनाम, बारबाडोस, एंटीगुआ एंड बारबूडा, ग्रेनेडा और सैंट लूसिया के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठके भी की.   

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