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ब्रुनेई के सुल्तान थे कभी दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति, मोदी ने की मुलाकात

ब्रुनेई की द्विपक्षीय यात्रा के दूसरे और आखिरी दिन पीएम नरेंद्र मोदी ने सुल्तान हसनल बोलकिया से लग्जरी इस्ताना नुरुल ईमान पैलेस में मुलाकात की. सुलतान हसनल बोलकिया का महल दुनिया में सबसे बड़ा और लग्जरी माना जाता है. क्योंकि इस महल में 22 कैरेट सोने की सजावट है. 

ब्रुनेई के सुल्तान के महल में 1700 बेडरूम, 257 बाथरूम. कई स्वीमिंग पूल, निजी चिड़ियाघर भी है. माना जाता है कि एक कमरे से दूसरे कमरे में जाने तक के लिए यहां काम करने वाले नौकर मोटरसाइकिल और (गोल्फ) कार्ट का इस्तेमाल करते हैं. अंबानी, अडानी, एलन मस्क और जुकरबर्ग से पहले ब्रुनेई के सुल्तान ही दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति माने जाते थे.  

पीएम मोदी द्विपक्षीय यात्रा के लिए ब्रुनेई जाने वाले पहले भारतीय नेता हैं. सुल्तान के परिवार ने पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया. पीएम मोदी की ब्रुनेई यात्रा इसलिए अहम है क्योंकि भारत और ब्रुनेई के राजनयिक संबंधों के 40 साल पूरे हुए हैं.

ब्रुनेई और भारत में क्या समझौते हुए?
पीएम मोदी ने ब्रुनेई दौरे के दूसरे दिन सुल्तान हसनल बोल्किया से मुलाकात की. सुल्तान दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के बाद दुनिया में दूसरे सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले राजा हैं. प्रधानमंत्री मोदी और सुल्तान ने रक्षा, व्यापार और निवेश, ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य जैसे सहयोग के क्षेत्रों पर केंद्रित द्विपक्षीय चर्चा की. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच चेन्नई से बंदर सेरी के लिए सीधी उड़ान को लेकर अहम समझौता हुआ.

पीएम मोदी ने मुलाकात के दौरान कहा, “ब्रुनेई सुल्तान भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और भारत प्रशांत लक्ष्य में एक महत्वपूर्ण भागीदार है. हम एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हैं.”

पीएम मोदी ने अपनी मुलाकात के बारे में एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया से मिलकर खुशी हुई. हमारी बातचीत व्यापक मुद्दों पर हुई और इसमें हमारे देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के तरीके शामिल थे. हम व्यापार संबंधों, वाणिज्यिक संपर्कों और लोगों के बीच आदान-प्रदान को और बढ़ाने जा रहे हैं.”

कैसे हैं भारत और ब्रुनेई के बीच संबंध?
ब्रुनेई भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और इंडो-पैसिफिक विजन में एक महत्वपूर्ण भागीदार है. भारत और ब्रुनेई के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध हैं, जो द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर आपसी सम्मान और समझ पर आधारित हैं, दोनों देश एक सहस्राब्दी के इतिहास, संस्कृति और परंपरा से जुड़े हुए हैं. भारत और ब्रुनेई के बीच 1984 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे. तब से दोनों देशों ने कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ें हैं. इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, और संस्कृति शामिल है.

साउथ चायना सी में चीन से तकरार
ब्रुनेई का भी दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस और वियतनाम जैसे देशों की तरह ही चीन से विवाद चल रहा है. इन सभी देशों को चीन दक्षिण चीन सागर में घुसने से रोक देता है. यहां तक की इन देशों के ईईजेड में भी चीन की घुसपैठ रहती है. ऐसे में भारत, ब्रुनेई के साथ ही फिलीपींस और वियतनाम की तरह रक्षा सहयोग करने की तैयारी कर रहा है.

मई के महीने में भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस किल्टन दक्षिण चीन सागर के तट पर बसे देश ब्रुनेई के मुआरा में पहुंचा था. जहां ब्रूनेई की नौसेना ने आईएनएस किल्टन का स्वागत किया था.

जनवरी 2018 में ब्रुनेई के सुल्तान, आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन के लिए भारत आए थे. ब्रुनेई सुल्तान 26 जनवरी 2018 को भारत के 69वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे.

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