अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत के खिलाफ मनमानी टैरिफ लगाने के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के आखिर में (31 अगस्त-1 सितंबर) चीन के दौरे पर जा रहे हैं. चीन के तिनजियान में पीएम, एससीओ देशों के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. लेकिन इस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी खास मुलाकात करेंगे.
रणनीतिक तौर पर पीएम मोदी का चीन दौरा बेहद अहम है, क्योंकि हाल ही में रूस के बाद चीन ने भी भारत के साथ मिलकर त्रिपक्षीय साझेदारी पर सहमति जताई है. वहीं ये दौरा सांकेतिक तौर पर डोनाल्ड ट्रंप के लिए एक संदेश भी है कि भारत के चीन के साथ संबंध सुधर रहे हैं.
एससीओ की बैठक में हिस्सा लेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब 6 साल बाद चीन की यात्रा पर करने वाले हैं. गलवान में झड़प के बाद पीएम मोदी का यह पहला चीन दौरा होगा. 31 अगस्त से 1 सितंबर के बीच चीन में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन की समिट होने वाली है और कहा जा रहा कि पीएम मोदी इस समिट में हिस्सा ले सकते हैं.
शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) देशों की लिस्ट में रूस भी एक प्रमुख सदस्य है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मेलन में हिस्सा लेने को लेकर हालांकि, अभी सस्पेंस है. लेकिन अगर पुतिन ने हिस्सा लिया तो, आरआईसी यानी रशिया-इंडिया-चाइना ब्लॉक को मजबूत करने में बड़ा कदम माना जाएगा. भारत की तरह ही चीन भी ट्रंप के मनमाने टैरिफ का शिकार है.
भारत, चीन और रूस के अलावा पाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान भी एससीओ के सक्रिय सदस्य देश हैं. एक साल पहले ही ईरान और बेलारूस भी इस संगठन के सदस्य बने हैं.
अमेरिका की मुश्किलें बढ़ाएगा आरआईसी
अमेरिका के खिलाफ अगर भारत, रूस और चीन एक साथ आते हैं, तो अमेरिका के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. हाल के दिनों में भारत ने अपनी विदेशनीति से साबित कर दिया है, कि भारत को क्या करना है वो खुद तय करेगा. चाहे अमेरिका हो या फिर यूरोपीय यूनियन, किसी के दबाव में नहीं आ रहा है. वहीं अमेरिका के दुश्मन रूस और चीन से मुलाकात का सिलसिला बढ़ा रहा है.
इसी कड़ी में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोवल भी रूस की राजधानी मॉस्को के दौरे पर गए हुए हैं. माना जा रहा है कि गुरुवार (7 अगस्त) को डोवल, पुतिन से भी मुलाकात कर सकते हैं.
भारत ने पाकिस्तान के साथ सीजफायर में ट्रंप की भूमिका नकारी, ये है तनाव की असली वजह
रुस से कच्चा तेल और हथियार खरीदने से ट्रंप ने भारत से नाराजगी जताई है. ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है. नाराजगी का मुख्य कारण, हालांकि, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ युद्धविराम माना जा रहा है.
ट्रंप का दावा है कि भारत और पाकिस्तान के युद्धविराम में अमेरिका की महत्वपूर्ण भूमिका थी. लेकिन भारत ने पाकिस्तान की भूमिका को एक सिरे से नकार दिया है. बस इसी का लेकर ट्रंप का गुस्सा सातवें आसमान पर है और भारत के खिलाफ “अनुचित, असंगत और अन्यायपूर्ण” टैरिफ लगा दिया है.