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जेलेंस्की अमेरिका में, पुतिन ने दी परमाणु हथियारों की छूट

यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की बम पर सिग्नेचर करते हुए वायरल हुई तस्वीर के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु नीति को लेकर ऐसा कदम उठाया है जिससे पश्चिमी देश सकते में आ गए हैं. पुतिन ने अपनी परमाणु नीति में बदलाव करते हुए एक बार फिर चेतावनी देते हुए कहा कि “अगर रूस में यूक्रेन की किसी भी मिसाइल से नुकसान पहुंचा तो वो परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने से पीछे नहीं हटेंगे.”

रूस की सुरक्षा परिषद की बैठक में क्या बोले पुतिन?
रूसी राष्ट्रपति ने रूस की सुरक्षा परिषद की बड़ी बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि “परमाणु शक्ति संपन्न देश के समर्थन से गैर परमाणु हथियार वाले देश का रूस पर हमला दोनों देशों का संयुक्त हमला माना जाएगा और जवाबी कार्रवाई की जाएगी.”

माना जा रहा है कि पुतिन ने अपने परमाणु नीति में इसलिए बदलाव किया है क्योंकि हाल ही में जेलेंस्की ने अमेरिका-ब्रिटेन से लंबी दूरी वाली मिसाइलों से हमले की अनुमति मांगी थी. जिसके बाद अमेरिकी और ब्रिटेन के विदेश मंत्रियों ने कीव का संयुक्त दौरा किया था और खुद ब्रिटेन के पीएम जो बाइडेन से मिलने के लिए अमेरिका पहुंचे थे.

परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के बदलाव की शर्ते तय: पुतिन
पुतिन ने अपने परमाणु हथियार के उपयोग पर रूस के नियमों को व्यापक बनाने की योजना की घोषणा करते हुए कहा कि “रूस के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की ओर बदलाव की शर्तें भी स्पष्ट रूप से तय हैं.” 

पुतिन ने कहा है, “रूस ने उस स्थिति में पारंपरिक हथियारों के अलावा परमाणु हथियारों का उपयोग करने का अधिकार सुरक्षित रखा है, जब वो या उसका साथी बेलारूस पर अटैक किया जाए.” यानी अगर बेलारूस पर भी हमला होता है तो उसे रूस पर हमला माना जाएगा. ऐसे स्थिति में भी रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है. 

पुतिन ने बैठक में ये भी कहा कि “नीति में बदलाव जरूरी है क्योंकि दुनिया में स्थिति तेजी से बदल रही हैं.”

बढ़ेगा नाटो देशों से  रूस का टकराव ?
अब से पहले रूस परमाणु हमले के जवाब में परमाणु बम से हमला कर सकता था. नई नीति के तहत अब परमाणु बम का उपयोग विमान, क्रूज मिसाइलों या ड्रोन से बड़े पैमाने पर हवाई हमले की स्थिति में किया जा सकता है. माना जा रहा है कि पुतिन के इस फैसले से रूस और नाटो देशों के बीच टकराव और बढ़ जाएगा. 

हाल ही में रूस ने पहली बार न्यूक्लियर हथियारों की ड्रिल भी की थी, जिसके जरिए रूस ने पश्चिमी देशों को ये संदेश दिया था कि उनके न्य़ूक्लियर हथियार तैयार हैं.

यूक्रेन को फिर मिली हथियारों की खेप
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को एक बार फिर से बड़ी वित्तीय और सैन्य सहायता का ऐलान किया है. बाइडेन ने जेलेंस्की को 375 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है. इसके अलावा रूस के खिलाफ हथियार और गोला-बारूद भी दिया गया है. 

अमेरिका ने हथियारों की जो खेप यूक्रेन को दी है उसमें हिमार्स (एचआईएमएआरएस) रॉकेट सिस्टम का एम्युनिशन, तोप (155एमएम और 105 एमएम) के गोले, टीओडब्लू मिसाइल, जैवलिन और एटी-4 एंटी टैंक मिसाइल, एम-1116 आर्मर्ड पर्सनल कैरियर, एमआरएपी आर्मर्ड व्हीकल्स और पेट्रोल बोट इत्यादि शामिल हैं. 

जेलेंस्की इनदिनों अमेरिका के दौरे पर हैं. इस दौरान जेलेंस्की ने पेनसिलवेनिया की एक एम्युनिशन फैक्ट्री का दौरा किया है. इस दौरे को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी ने जेलेंस्की और डेमोक्रेटिक पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. रिपल्बिकन पार्टी का आरोप है कि अमेरिकी चुनाव से महज 42 दिन पहले उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (डेमोक्रेटिक उम्मीदवार) ने जेलेंस्की के जरिए पेनसिलवेनिया में चुनावी प्रचार कराया है. इसके लिए पेंटागन (रक्षा विभाग) और जस्टिस डिपार्टमेंट से जांच की मांग की है. (जेलेंस्की ने बम पर किया Signature, अमेरिका में मचा बवाल)

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