रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने लगभग आठ महीने बाद कुर्स्क प्रांत का दौरा किया है. हाल ही में रूसी सेना ने कुर्स्क से यूक्रेनी सेना को खदेड़ने का दावा किया था. पिछले साल अगस्त में जेलेंस्की की फौज ने रूस के कुर्स्क प्रांत के करीब 1300 वर्ग किलोमीटर के हिस्से पर कब्जा जमा लिया था.
डोनाल्ड ट्रंप से 2 घंटे तक लंबी बातचीत और तुर्किए में यूक्रेन की रूस से सीधी बातचीत के बाद पुतिन का कुर्स्क क्षेत्र पहुंचना रणनीतिक तौर पर अहम माना जा रहा है. रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, हाल के दिनों में 24 बस्तियों को फिर से नियंत्रण में लिया गया है और लगभग 1100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर फिर से कब्जा कर लिया गया है.
जल्द ही बाकी क्षेत्रों से यूक्रेनी सैनिक खदेड़ दिए जाएंगे: पुतिन
कुर्स्क क्षेत्र को रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध का अहम केंद्र माना जाता है. यूक्रेन ने कुर्स्क पर कब्जा करके हर किसी को चौंका दिया था. अगस्त 2024 में यूक्रेनी सेनाओं ने कुर्स्क क्षेत्र में एक बड़ा सैन्य अभियान चलाया था, इस दौरान यूक्रेन ने कुर्स्क पर कब्जा करने का ऐलान किया था. लेकिन रूसी सैनिकों ने कई महीनों की जंग के बाद कुर्स्क पर वापस कब्जा जमा लिया है. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कुर्स्क का दौरा करने के बाद कहा, कि जल्द ही अन्य क्षेत्रों से भी रूस यूक्रेनी सेना को भगाने के करीब हैं.
कुर्स्क में पुतिन ने स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों से मुलाकात की और कुर्स्क-2 परमाणु ऊर्जा संयंत्र का निरीक्षण किया. इस यात्रा के दौरान पुतिन के साथ क्रेमलिन के वरिष्ठ अधिकारी सर्गेई किरियेंको और कुर्स्क के कार्यवाहक गवर्नर अलेक्जेंडर खिंश्टीन भी मौजूद थे. (https://x.com/tassagency_en/status/1925110105353204012)
पुतिन ने यूक्रेनी सैनिकों को आतंकवादी बताया
अपनी यात्रा के दौरान पुतिन ने कहा, “हमारी सेना कुर्स्क क्षेत्र को पूरी तरह से मुक्त करने के अंतिम चरण में है. शेष यूक्रेनी सैनिकों को जल्द से जल्द पीछे धकेला जाए” पुतिन ने यूक्रेनी सैनिकों को आतंकवादी बताते हुए कहा, कि रूसी कानून के तहत आतंकवादियों जैसा ही दर्जा मिलेगा. विदेशी भाड़े के सैनिकों पर जिनेवा कन्वेंशन लागू नहीं होगा. अप्रैल 2025 में रूस ने दावा किया कि उसने कुर्स्क क्षेत्र को पूरी तरह से दोबारा नियंत्रण में ले लिया है. एक्सपर्ट के मुताबिक पुतिन के कुर्स्क का दौरा करने के कई मायने हैं, इसे रूस के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जाना चाहिए, क्योंकि रूस पर युद्ध समाप्त करने के लिए अमेरिका का सीधा दबाव है, तो वहीं, मंगलवार को ईयू ने रूस पर नए प्रतिबंध का ऐलान किया है.
ट्रंप-पुतिन में हुई 2 घंटे तक बात, क्या युद्ध रुकने के हैं आसार
दो दिन पहले ट्रंप-पुतिन में 2 घंटे तक बातचीत हुई. दोनों ने इस बातचीत को सकारात्मक बताया है, लेकिन पुतिन ने साफ तौर पर कहा है कि समझौते के बाद ही सीजफायर पर बात करेंगे.अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने अपने ताजा बयान में कहा कि अगर रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस एक औपचारिक युद्धविराम प्रस्ताव पेश नहीं करता है, तो अमेरिका उस पर नए प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकता है. रूबियो ने सीनेट को बताया है कि रूस ने कहा है कि वो शर्तों को लिखित में देंगे. हम उन शर्तों का इंतज़ार कर रहे हैं, तभी हमें पुतिन के इरादों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी. रूबियो ने कहा, ट्रंप अभी रूस पर प्रतिबंध की घोषणा नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि अगर ऐसा किया तो रूस पीछे हट सकता है.