रूस को भड़काने वाले नाटो देशों में पुतिन के एक आदेश के बाद खलबली मच हई है. रूस-यूक्रेन के युद्ध को और भड़काने के बाद वही हुआ जिसका डर था. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहली बाद दुनिया की सबसे घातक और खतरनाक मानी जाने वाली परमाणु मिसाइल की तैनाती के आदेश दे दिए हैं. पुतिन ने ‘आरएस 28 सरमत मिसाइल’ जिसे ‘शैतान-2’ भी कहा जाता है, उसे जंग के लिए तैयार करने के कहा है. ये मिसाइल 25000 किलोमीटर से हजार से ज्यादा तक परमाणु हमला करने में सक्षम है.
शैतान-2 की तैनाती, क्रेमलिन के आदेश से हड़कंप
पिछले कुछ दिनों से यूक्रेन लगातार ब्रिटेन और अमेरिका की मिसाइलों से रूस पर हमले कर रहा है. रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच नाटो हथियारों की एंट्री से व्लादिमीर पुतिन बुरी तरह से भड़के हुए हैं. क्रेमलिन की बार-बार चेतावनी को नजरअंदाज करने के बाद अब पुतिन की तरफ से बड़ा आदेश आया है. ये आदेश ऐसे वक्त में दिया गया है जब पश्चिमी देश, यूक्रेन को न्यूक्लियर वेपन से लैस करने की बातें चल रही हैं.
शैतान-2 की तैनाती के आदेश से पहले रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय क्रेमलिन ने दुनिया को चेतावनी दी थी कि “यूक्रेन को परमाणु हथियारों से लैस करने का पागल विचार दुनिया को ‘तबाही के कगार’ पर धकेल देगा.” रूस के सामरिक मिसाइल बलों के प्रमुख कर्नल-जनरल सर्गेई कराकायेव ने पुष्टि की कि ‘सरमत मिसाइल’ को देश के शस्त्रागार में जोड़ने के लिए काम चल रहा है.
मास्को के ‘सरमत’ ने कीव के दोस्तों की उड़ाई नींद
पुतिन ने जिस सरमत मिसाइल की तैनाती के आदेश दिए हैं. वो कितनी खतरनाक और उन्नत है, इसका अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है रूस ने दावा किया है कि सिर्फ 3 मिनट में ये मिसाइल अमेरिका के सहयोगियों तक पहुंच सकती है. रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान ही सरमत का सफल परीक्षण किया गया था.
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि ये मिसाइल जिधर भी जाती है, वहां दुश्मनों को बचना मुश्किल हो जाता है. रूस ने सफल परीक्षण के बाद 2023 से सेना में शामिल किया है. आर एस 28 (सरमत मिसाइल) एक इंटर कॉन्टिनेन्टल बैलिस्टिक मिसाइल है. दुनिया की सबसे खतरनाक परमाणु मिसाइलों में से एक है.
नाटो देशों ने शुरु की जंग की तैयारी, जर्मनी और अमेरिका अलर्ट?
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस, यूक्रेन को अपनी लंबी दूरी की मिसाइलों के इस्तेमाल की मंजूरी दे चुके हैं. वहीं अब दावा किया गया है कि बाइडेन प्रशासन यूक्रेन को न्यूक्लियर बम ट्रांसफर करने पर भी गंभीरता से विचार कर रहा है. रूस ने साफ कर दिया है कि “अगर यूक्रेन के सहयोगियों ने रेड लाइन पार की तो रूस के पास परमाणु हथियार सिर्फ दिखाने के लिए नहीं है.”
बढ़े तनाव के देखते हुए कई देशों ने अपने नागरिकों को बचाने के लिए प्लान भी तैयार करना शुरु कर दिया है. नाटो देश जर्मनी ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए नए बंकर बनाने शुरु कर दिए हैं. इस प्लान के तहत जर्मनी सार्वजनिक और निजी इमारतों को बंकर में बदला जाएगा. किसी भी तरह के हमलों के दौरान इमारतों के बेसमेंट, अंडरग्राउंड पार्किंग और मेट्रो स्टेशनों को नागरिकों के लिए सुरक्षित शेल्टर बनाया जाएगा. जर्मनी के गृह मंत्रालय ने बताया है कि यह प्लान क्षेत्र में बढ़ते सुरक्षा खतरों को देखते हुए बनाया गया है. जर्मन सरकार इन बंकरों के साथ-साथ एक मोबाइल एप भी तैयार करेगी जो लोगों को आपात स्थिति में नजदीकी बंकर का पता बताएगा.
अमेरिका ने भी इस खतरे की आशंका को देखते हुए लोगों को आगाह किया जा रहा है. जर्मनी के अलावा अमेरिकी सरकार ने भी न्यूक्लियर अटैक की स्थिति में नागरिकों के लिए एक सर्वाइवल गाइड जारी की है. अमेरिका की फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी ने ये सर्वाइवल गाइड बनाई है, जिसमें बताया गया है कि न्यूक्लियर अटैक की स्थिति में किसी सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचने के लिए नागरिकों के पास सिर्फ 15 मिनट का समय होगा.