क्या सीमा पार से रची गई थी ‘रामेश्वरम कैफे’ में बम धमाके की साजिश या देश में ही छिपे आतंकवादी संगठनों ने अपने स्लीपर सेल को एक्टिव कर दिया है. क्या लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक में लौट आया है आतंकवाद. ऐसे धमाकों से विदेश में भारत की छवि कौन धूमिल करना चाहता है. बेंगलुरु पुलिस के साथ-साथ एनआईए और एनएसजी, इन सभी सवालों के साथ जांच में जुट गई हैं.
ये सवाल इसलिए क्योंकि नवंबर 2022 से मंगलुरू में हुए एक धमाके के बाद से जांच एजेंसियां और सुरक्षा एजेंसियों ने कई खुलासे किए थे. जांच में आतंकवादियों के मददगारों को जीरो इन किया गया था. कई राज्यों में छापेमारी की गई थी. जांच एजेंसियों को पुख्ता सबूत मिले थे कि प्रतिबंधित पीएफआई, आईएसआईएस और लश्कर के आतंकी कर्नाटक में बड़ी आतंकी साजिश रच रहे हैं. आतंकी संगठनों का पर्दाफाश उस वक्त हुआ था जब नवंबर 2022 में मेंगलुरु में धमाका हुई था. पुलिस और जांच एजेंसियां ने धमाके का तार जोड़ते हुए कई आतंकियों की धरपकड़ की थी. पिछले साल 8 लश्कर आतंकियों की गिरफ्तारी की गई थी और जनवरी में एनआईए ने चार्जशीट दाखिल करके खुलासा किया था कि टी नासिर नाम के आतंकी ने सभी को ‘रेडिक्लाइज’ किया था.
टी नासिर को वर्ष 2008 में हुए बैंगलुरु सीरियल ब्लास्ट के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल जेल में बंद है. माना जा रहा है कि जेल में बैठकर ही नासिर युवाओं को रेडिक्लाइज करने में जुटा है.
शुक्रवार को रामेश्वरम कैफे में क्या हुआ
कर्नाटक विधानसभा में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ की नारेबाजी का बवाल थमा भी नहीं था कि शुक्रवार दोपहर धमाके की आवाज से गूंज उठा बेंगलुरु में प्रसिद्ध ‘रामेश्वरम कैफे’. रामेश्वरम कैफे में एक बैग में टाइमर डिवाइस के साथ बम छिपाया गया था. कैफे में जैसे ही लोग पहुंचना शुरु हुए जोरदार धमाका हो गया. धमाके में 9 लोग घायल हुए हैं. शुरुआती तफ्तीश में सिलेंडर ब्लास्ट की बात खारिज कर दी गई क्योंकि जांच में मौके से विस्फोटक के सबूत मिले हैं. जांच में कई खुलासे हुए हैं. कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. एनआईए की टीम ने मौके पर पहुंचकर सबूत इकट्ठा किया है. लेकिन अभी तक किसी संगठन ने इस धमाके की जिम्मेदारी नहीं ली है.
संदिग्ध का सीसीटीवी मिला
जांच एजेंसियों को एक सीसीटीवी मिला है, इस सीसीटीवी में बैग के साथ एक संदिग्ध नजर आया है. माना जा रहा है इसी बैग में आईईडी रखा गया था. सिर पर सफेद कैप और चेहरे पर मास्क लगाकर संदिग्ध ने अपना चेहरा छिपा रखा है. तेज कदमों के साथ कंधे पर टाइमर बम वाले बैग को लेकर चल रहा था. संदिग्ध उस बैग को रामेश्वरम कैफे के पास उस वक्त लेकर पहुंचा जब लंच के समय काफी भीड़ थी. रामेश्वरम कैफे के मैनेजर का दावा है कि शख्स साढ़े 11 बजे के करीब कैफे में पहुंचा था, काउंटर से कूपन लिया और रवा इडली ऑर्डर की. पर उसने इडली खाई नहीं. करीब 10 मिनट बाद वो बैग रखकर चला गया. बैग रखने कुछ देर बात 12 बजकर 50 मिनट के आसपास तेज धमाका हुआ और आसपास खड़े तकरीबन 9 लोग घायल हो गए. धमाके के बाद चीखपुकार और अफरातफरी मच गई. मौका ए वारदात पर पुलिस पहुंची, शुरुआत में सिलेंडर ब्लास्ट से हादसा लगा पर थोड़ी ही देर की जांच में इस बात की तस्दीक हो गई की धमाका सिलेंडर से नहीं बल्कि टाइमर बम से किया गया था. मौके से टाइमर बम के टुकड़े और आईईडी बरामद किया गया. जांच में पता चला है कि 25-30 साल के बीच का संदिग्ध बीएमटीसी बस से बेंगलुरु पहुंचा. पुलिस ने करीब 80 मिनट का सीसीटीवी कब्जे में लिया है.
बेंगलुरु धमाके का क्या है मंगलुरू और शिवमोगा कनेक्शन
बेंगलुरु धमाके में जांच के दौरान साल नवंबर 2022 में हुए मंगलुरू और सितंबर 2022 में शिवमोगा में हुए बस धमाके में काफी समानताएं मिली हैं. मौके से इकट्ठा किए गए एक्सप्लोसिव और मंगलुरु धमाके के एक्सप्लोसिव काफी मिलते जुलते हैं. नवंबर 2022 में ऑटो के जरिए एक प्रेशर कुकर के अंदर आईईडी रखकर धमाका किया गया था. जांच में पता चला कि प्रेशर कुकर को कादरी मंजुनाथ मंदिर में लगाया जाना था. पर धमाका पहले ही हो गया. ऑटो से पुलिस ने जला हुआ प्रेशर कुकर जिसमें बैटरियां जोड़ी गई थी. ऑटो में गैस-बर्नर भी मिला था. धमाके में ऑटो ड्राइवर और सवारी घायल हो गए थे. सवारी का नाम शारिक था, जांच में शारिक का संबंध आतंकियों से मिला. जांच में पता चला कि धमाके की प्लानिंग आईएसआईएस आतंकियों ने की थी और धमाके को लश्कर के आतंकियों ने अंजाम दिया था. शिवमोगा और मंगलुरु के धमाकों में ठीक वैसे ही टाइमर का इस्तेमाल किया गया था, जैसा कि रामेश्वरम कैफे में हुआ था. शारिक का कनेक्शन शिवमोगा धमाकों से मिला. शारिक के तार कोयंबटूर में हुए अक्टूबर 2022 के सिलेंडर ब्लास्ट से जुड़े थे. 23 अक्टूबर को कोयंबटूर में एक मारुति 800 कार में धमाका हुई था, धमाका संगमेश्वर मंदिर के पास हुआ था. पुलिस को मौके से कुछ विस्फोटक भी बरामद किया गया था. शिवमोगा, कोयंबटूर और मंगलुरु में हुए धमाके में शारिक नाम के एक संदिग्ध के नाम का खुलासा हुआ था. शारिक बम बनाने का एक्सपर्ट है. एनआईए के जांच में पता चला था कि शारिक ने कोयंबटूर, मदुरै और कई इलाकों की रेकी की थी. सवारी बनकर मंगलुरू में धमाका करने जा रहा था पर बम पहले ही फट गया और शारिक पुलिस के हत्थे चढ़ गया. एनआईए ने इस बात का भी खुलासा किया था कि शारिक एक हिंदू नाम से रह रहा था. आधार कार्ड में भी हिंदू नाम ही था, जिसे एक रेलवे कर्मचारी से चुराया गया था.
टारगेट पर रामेश्वरम कैफे ही क्यों
रामेश्वरम कैफे बेंगलुरु का मशहूर कैफे है. अक्सर आपको इंस्टा या फेसबुक पर रामेश्वरम कैफे की रील नजर आ सकती है. युवाओं में रामेश्वरम कैफे को लेकर काफी क्रेज है. सुबह से लेकर देर रात 2 बजे तक कैफे में जबरदस्त भीड़ रहती है. बैठने की बहुत जगह नहीं लिहाजा लोग अलग अलग जगहों पर खड़े होकर खाना खाते हैं.
माना जा रहा है धमाका करके ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने की साजिश थी. जांच एजेंसियां शारिक से भी पूछताछ कर सकती हैं. क्योंकि धमाकों के बाद ये तो तय है कि स्लीपर सेल अब भी सक्रिय हैं. बेंगलुरु ब्लास्ट के बाद दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, लखनऊ समेत सभी शहरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. भीड़ भाड़ वाले इलाकों पर खास नजर रखी जा रही है.
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