एशिया में अलग-अलग मोर्चों पर जंग की आहट सुनाई दे रही है. कंबोडिया और थाईलैंड के बीच युद्ध की तैयारी शुरु होने के साथ ही ताइवान और चीन के बीच सैन्य संकट और गहराने लगा है. ताइवान के आसमान में 21 चीनी फाइटर जेट ने घुसपैठ की है.
घुसपैठ के साथ ही ताइवान की एक फैक्ट्री में जोरदार धमाका सुना गया है. हालांकि ये साफ नहीं है कि चीनी फाइटर जेट्स और फैक्ट्री में धमाके का क्या कनेक्शन है, लेकिन ताइवान, धमाके के लिए चीन को जिम्मेदार बता रहा है.
ताइवान की सीमा में चीनी फाइटर जेट्स की घुसपैठ के बाद हड़कंप
दक्षिण चीन सागर में अपने प्रभुत्व को बढ़ाने के लिए चीन कभी भी ताइवान पर हमला कर सकता है. वहीं अमेरिका के हथियारों की मदद के बाद ताइवान भी चीन को जवाब देने की तैयारी करके बैठा हुआ है. मंगलवार को चीन की ओर से एक-दो नहीं बल्कि 21 फाइटर्स जेट्स ने ताइवान की आसमानी सीमा में घुसपैठ की.
बताया जा रहा है कि चीन के 26 फाइटर जेट्स ताइवान के आसपास उड़ान भरते देखे गए थे. इनके अलावा चीन की नेवी के 7 जहाज भी इसी क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं. जबकि चीन का 1 एयरक्राफ्ट कैरियर भी ताइवान ने मध्य रेखा के पास देखा इनमें से 21 फाइटर प्लेन ने ताइवान की उत्तरी, दक्षिण-पश्चिम और पूर्वी सीमा का उल्लंघन कर घुसपैठ की.
चीनी फाइटर जेट्स को देखकर ताइवान की सेना भी हाईअलर्ट हो गई. ताइवानी सेना ने सीमावर्ती इलाकों में गश्ती बढ़ा दी है.
ताइवान की फैक्ट्री में धमाका
चीन की घुसपैठ के दौरान ही, ताइवान के काऊशुंग में द्वीप के बड़े बैटरी प्लांट में धमाका हुआ है. इस फैक्ट्री में लिथियम बैटरी बनाई जाती थी. कहा जा रहा है कि ये हादसा हो सकता है, लेकिन ताइवान ने आशंका जताई है कि इसके पीछे चीन का हाथ हो सकता है. हालांकि इन आरोपों पर चीन की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है.
साउथ चाइना सी में चीन का अभ्यास, ताइवान ने भी दिखाई ताकत
साउथ चाइना सी में चीनी सेना युद्धाभ्यास कर रहा है. माना जा रहा है कि ताइवान को डराने और दबाव बनाने के लिए चीनी लड़ाकू विमानों ने इसी एक्सरसाइज के दौरान घुसपैठ की है.
चीन के मुकाबले में ताइवान की सेना ने भी युद्धाभ्यास शुरु किया है. ताइवान ने चीन सीमा पर एंटी लैंडिंग अभ्यास किया है. इस अभ्यास में स्टिंगर मिसाइल से लैस सैनिक शामिल हुए मेट्रो रूट से रसद सप्लाई के लिए भी तैयारी की गई. वहीं सतह पर चीन के एम्फिबियस को ध्वस्त करने की ट्रेनिंग की गई. इसके अलावा किसी भी स्थिति से निपटने के लिए एयरफोर्स की तैयारियों की समीक्षा की गई.
ताइवान की जनता भविष्य का फैसला खुद करेगी: राष्ट्रपति लाई चिंग ते
ताइवान ने अपनी सैन्य तैयारियों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है. 41 वें हन कुआंग युद्ध अभ्यास में ताइवान ने चीन के संभावित हमले का जवाब देने की अपनी ताकत का प्रदर्शन किया. इस बार के 10 दिवसीय अभ्यास में 22,000 रिजर्व सैनिकों समेत सेना, नौसेना और वायुसेना ने हिस्सा लिया.
ताइपे के मेट्रो में सैनिकों को अमेरिका निर्मित स्टिंगर मिसाइलों और ग्रेनेड लांचर के साथ अभ्यास करते देखा गया. यह कदम चीन की ओर से संभावित आक्रमण के खिलाफ रक्षा की मजबूती को दर्शाता है. यह कदम न केवल सैन्य ताकत का प्रतीक है बल्कि ताइवान की जनता को यह संदेश भी देता है कि वे हर परिस्थिति के लिए तैयार हैं.
हन कुआंग अभ्यास में पहली बार लॉकहीड मार्टिन के हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (एचआईएमएआरएस) और ताइवान निर्मित स्काई स्वॉर्ड मिसाइलों का उपयोग किया गया.
राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने कहा, “ताइवान की जनता अपनी आजादी और भविष्य का फैसला खुद करेगी.” यह अभ्यास न केवल सैन्य शक्ति का प्रदर्शन है, बल्कि वैश्विक समुदाय को यह संदेश भी देता है कि ताइवान किसी भी आक्रमण का डटकर मुकाबला करने को तैयार है.
ट्रंप ने ताइवान को बीच मंझधार में छोड़ा
बार-बार ये क्यों कहा जा रहा है कि ट्रंप विदेशनीति में एकदम फुस्स साबित हुए हैं, क्योंकि ट्रंप अपने मित्र देशों को युद्ध में झोंकने में पीछे नहीं हैं. रूस-यूक्रेन में शांति की बात की तो अब यूक्रेन को कह रहे हैं कि मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग पर अटैक कर दो.
वहीं ताइवान को लेकर भी ट्रंप ने बहुत कन्फ्यूजन फैला रखी है, जिसका फायदा चीन उठा रहा है. अमेरिका सिर्फ ताइवान को हथियार देने तक सीमित है. लेकिन सुरक्षा की गारंटी को लेकर हाथ पीछे खींच चुका है.
अमेरिका उल्टा जापान और ऑस्ट्रेलिया के जरिए पीछे से चीन के साथ पंगा लेना चाहता है. हाल ही में पेंटागन (अमेरिकी रक्षा मंत्रालय) ने जापान और ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बनाया है कि युद्ध की स्थिति में वो अपने सैनिकों को ताइवान की ओर से लड़ने के लिए भेजें. लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने साफ-साफ कह दिया है, कि तब की तब देखी जाएगी.