पश्चिमी देशों के माथे पर बल देने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (22-24 अक्टूबर) का सफल समापन हो गया है. लेकिन समिट की समाप्ति पर एक विवाद खड़ा हो गया है. विवाद ये कि भारत ने पाकिस्तान के मित्र-राष्ट्र तुर्की (तुर्किए) की ब्रिक्स समूह की फुल सदस्यता पर रोक लगा दी है.
रूस के कजान में संपन्न हुए ब्रिक्स सम्मेलन में इस साल किसी नए देश को फुल-टाइम सदस्य नहीं बनाया गया है. इसके बजाए ब्रिक्स पार्टनर के तौर 13 देशों को चुना गया है, जिन्होंने ब्रिक्स में शामिल होने की इच्छा जताई थी. तुर्की भी इन 13 देशों की श्रेणी में शामिल है.
ब्रिक्स समिट से पहले इस बात की खबर आई थी कि तुर्किए ने ब्रिक्स में शामिल होने के लिए आवेदन कर दिया है. उसी दौरान ये बात भी सामने आई थी कि भारत ने ब्रिक्स में शामिल नए देशों को वोटिंग-अधिकार ना देने की बात कही है.
ऐसे में जब ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेने पहुंचे तुर्की के राष्ट्रपति तैयब एर्दोगन को शिखर सम्मेलन के आखिरी दिन यानी 24 अक्टूबर को ब्रिक्स-प्लस सम्मेलन में शामिल किया गया. यानी 23 अक्टूबर को मुख्य सम्मेलन में उन्हें जगह नहीं दी गई.
मुख्य शिखर सम्मेलन में उन्हीं नौ (09) देशों के राष्ट्राध्यक्षों को बैठक में शामिल किया गया जो मुख्य सदस्य-देश हैं. इनमें पांच संस्थापक-सदस्य देश, भारत, रूस, चीन, ब्राजील और साउथ अफ्रीका शामिल थे. पिछले साल यानी 2023 में जिन चार नए देशों को पूर्णकालिक सदस्य बनाया गया, उन्हें भी जगह दी गई. ये चार नए देश हैं ईरान, मिस्र, यूएई और इथोपिया.
गौरतलब है कि ब्रिक्स-प्लस की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल नहीं हुए थे. क्योंकि वे 23 अक्टूबर की रात को ही कज़ान से स्वदेश लौट आए थे. उनकी जगह विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिक्स-प्लस में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. (हम युद्ध नहीं डायलॉग के समर्थक: मोदी)
अभी तक ब्रिक्स या फिर रूस का कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है कि तुर्की को आखिर क्यों नहीं ब्रिक्स का सदस्य देश बनाया गया. भारत की भी प्रतिक्रिया का इंतजार है. लेकिन सोशल मीडिया पर चल रही खबरों को देखते हुए तुर्की के डिस-इंर्फोमेशन सेंटर ने जरूर इस बात का खंडन किया है कि भारत के चलते तुर्की को ब्रिक्स का सदस्य नहीं बनाया गया है.
तुर्की एक मात्रा नाटो देश है जिसने कज़ान में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया था. फिलहाल तुर्की को ब्रिक्स-प्लस में जगह दी गई है.
जिन 13 देशों को ब्रिक्स-प्लस में जगह दी गई है, उनमें तुर्की के अलावा, अल्जीरिया, बेलारूस, बोलीविया, क्यूबा, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, मलेशिया, नाइजीरिया, थाईलैंड, उगांडा, उज्बेकिस्तान और वियतनाम शामिल हैं.
गौरतलब है कि पिछले साल यानी 2023 में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित ब्रिक्स समिट के दौरान भी ऐसी खबर सामने आई थी कि भारत ने अल्जीरिया को सदस्य बनाने पर रोक लगा दी थी. जबकि, 2023 में ईरान, इथोपिया, मिस्र और यूएई को पूर्णकालिक सदस्य बनाया गया था. (पुतिन नहीं BRICS ने जुटाए 36 देश, भूल गया West)
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- by Neeraj Rajput
- October 25, 2024
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