गाजा में चल रही हमास- इजरायल के बीच भीषण जंग में यूनाइटेड नेशन्स (यूएन) ने राहत सामग्री की सप्लाई रोक दी है. वजह है भयंकर लूटपाट. गाजा में संयुक्त राष्ट्र की तरफ से जा रही राहत सामग्री को लूट लिया गया है. लुटेरों ने यूएन के तकरीबन 100 ट्रकों में लूटपाट की है.
केरेम शालोम क्रॉसिंग की ओर जाने वाला मार्ग गाजा की ओर से खतरे से खाली नहीं है. क्योंकि एक तरफ इजरायली एक्शन है तो अब दूसरी तरफ लुटेरों का आतंक बढ़ गया है.
फिलिस्तीन लोगों और शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की सहायता एजेंसी ने युद्धग्रस्त गाजा पट्टी में मुख्य मालवाहक मार्ग से सहायता सामग्री की आपूर्ति रोक दी है, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है. दरअसल हाल ही में यूएन की एजेंसी के काफिले के साथ लूटपाट हुई है. सशस्त्र गिरोह के लुटेरे ये लूटपाट को अंजाम दे रहे हैं. यूएन की एजेंसी ने कानून-व्यवस्था के बिगड़ने के लिए इजरायल की नीतियों को जिम्मेदार बताया है. गौरतलब है गाजा में लोग यूएन की आपूर्ति पर ही निर्भर है.
यूएनआरडब्ल्यूए ने क्या बताया?
गाजा में सहायता पहुंचाने वाली प्रमुख एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए के प्रमुख फिलिप लेजारिनी ने कहा कि केरेम शालोम क्रॉसिंग की ओर जाने वाला मार्ग गाजा की ओर से बहुत खतरनाक है. नवंबर के मध्य में हथियारबंद लोगों ने इस मार्ग से गुजर रहे लगभग 100 ट्रकों को लूट लिया था. गिरोहों ने शनिवार को भी एक खेप को लूट लिया.
केरेम शालोम इजरायल और गाजा के बीच एकमात्र क्रॉसिंग है जो माल की ढुलाई के लिए बनाई गई है. मई में मिस्र के साथ लगी राफा सीमा बंद होने के बाद से यही क्रॉसिंग सहायता पहुंचाने का मुख्य मार्ग है. पर अब इस क्रॉसिंग पर सशस्त्र लुटेरों का आतंक बढ़ गया है. (https://x.com/UNRWA/status/1863194225766007211)
इजरायल पर भड़की यूएन की एजेंसी
इजरायल सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने गाजा में पहुंचने वाली लगभग दो-तिहाई सहायता केरेम शालोम के माध्यम से आई थी. नवंबर के पहले के महीनों में इस मार्ग से ज्यादा से ज्यादा राहत सामग्री पहुंचाई गई थी. यूएनआरडब्ल्यूए के प्रमुख फिलिप लेजारिनी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में गाजा में मानवीय कार्यों की विफलता के लिए मुख्य इजरायल को कटघरे में खड़ा किया है.
इजरायली सरकार लगा चुकी है हमास की मदद का आरोप
अक्टूबर महीने के आखिर में इजरायल की संसद ने एक प्रस्ताव पास करते हुए गाजा पट्टी में यूएनआरडब्ल्यूए को बैन कर दिया. आरोप है कि एजेंसी हमास को मदद करती थी. तेल अवीव की संसद में 92 सांसदों ने एजेंसी की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में वोट दिया. वहीं सिर्फ 10 सांसद इसके खिलाफ थे. एक और बिल भी आया, जिसमें इस एजेंसी के साथ कूटनीतिक संबंध भी खत्म कर दिए गए.
फिलिस्तीनी लोगों की मदद करने वाली इस एजेंसी पर इजरायल का एक बड़ा आरोप ये भी है कि यूएनआरडब्ल्यूए ने आम लोगों के अलावा हमास के लोगों को भी काम पर रखा हुआ है, ताकि वे गड़बड़ी फैला सकें.
इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने काफी पहले ही अमेरिका से एजेंसी की फंडिंग कम करने को कहा था. गौरतलब है कि इस एजेंसी को सबसे ज्यादा फंडिंग अमेरिका से ही की जाती है.