अमेरिका में भारतीय अरबपति और अदाणी (अडानी) ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी पर लगे आरोप साजिश का हिस्सा है. तेजी से बढ़ता भारत, अमेरिकी ‘डीप स्टेट’ की आंखों में किरकिरी बन गया है. जानबूझकर अमेरिका की डेमोक्रेटिक सरकार ने बेबुनियाद आरोप लगाकर भारत में सियासत को हवा दी है.
गौतम अदाणी और अदाणी ग्रुप पर आरोप कहीं ना कहीं मोदी सरकार के अमेरिका के साथ हुए खराब संबंध की वजह से लगाए गए हैं. ये कहना है सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद महेश जेठमलानी का. महेश जेठमलानी ने आरोप लगाए जाने के समय पर भी सवाल खड़े किए हैं.
वहीं कांग्रेस पर भी सवाल खड़े करते हुए जेठमलानी ने कहा है कि ये बेहद निराशा की बात है कि देशहित को पीछे छोड़कर राजनीति की जा रही है. कुछ दिन पहले भी महेश जेठमलानी ने कहा था कि, यह गिरते हुए अमेरिकी शासन का भारत में अपने प्यादों के पक्ष में अंतिम कार्य है.
अदाणी के आरोपों के पीछे डीप स्टेट: महेश जेठमलानी
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने अदाणी ग्रुप पर लगे सारे आरोपों को बेबुनियाद और बगैर सबूतों वाला बताया है. महेश जेठमलानी ने कहा, अमेरिकी न्याय विभाग बहुत ही जल्दबाजी में काम कर रहा है. वो अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे) जिसे अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तमाशा मानते हैं.
जेठमलानी ने कहा, “आरोपों के समय पर भी ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि अब डेमोक्रेट सरकार सत्ता से बाहर हो चुकी है. इसलिए ही सबकुछ गड़बड़ी की जा रही है.” महेश जेठमलानी ने ये भी कहा कि गौतम अदाणी ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए राष्ट्रपति ट्रंप की तारीफ की, निवेश का ऐलान किया और शायद ये डेमोक्रेट सरकार को पसंद नहीं आया.”
जेठमलानी के मुताबिक, “ये भी बात गौर करने की है कि साल 2023 से मौजूदा भारत सरकार से कुछ वजहों के कारण बाइडेन सरकार के रिश्ते पटरी से उतरे हैं. अमेरिकी कोर्ट के पास गौतम अदाणी के खिलाफ घूसखोरी के कोई सबूत नहीं है. बहुत जल्दबाजी की गई है. केस में भी स्पष्टता नहीं है. कोई ठोस सबूत नहीं है.” (https://x.com/JethmalaniM/status/1861660163272282118)
ऐसे आरोप लगाने के पीछे एक मकसद है: जेठमलानी
अदाणी ग्रुप पर इस तरह के आरोप जानबूझकर लगाए जाते हैं. इन आरोपों को लगाने का सिर्फ एक ही मकसद होता है कि किसी तरह से अदाणी ग्रुप के शेयर के भाव को कम किया जा सके. ताकि कंपनी के साथ-साथ निवेशकों को नुकसान हो. जेठमलानी ने कहा, “पिछली बार भी जब ऐसा हुआ था तो कुछ समय तक शेयर के भाव कम हुए थे और जब ये साबित हो गया था कि आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है तो शेयरों में तेजी देखी गई थी. इस बार भी बगैर सबूत के ऐसा किया जा रहा है.”
महेश जेठमलानी ने कहा कि अदाणी के खिलाफ जो अभियोग लाया गया है, उसकी टाइमिंग भी संदिग्ध है. यह चुनाव से ठीक पहले और संसद सत्र की पूर्व संध्या पर सामने आया है. अदाणी के खिलाफ कोई सबूत भी नहीं है और अभियोग में कोई अपराध भी आरोपी नहीं बनाया गया है. अभियोग में भी भारत में किसी भी रिश्वतखोरी की बात नहीं है. जो आरोप लगाए गए हैं, उसमें सिर्फ ये कहा गया है कि रिश्वत देने की साजिश हुई थी, लेकिन इसके कोई सबूत नहीं दिए गए हैं.भारत में विदेशी भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है.
अदाणी के पक्ष में आए पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी
भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल और जाने-माने वकील मुकुल रोहतगी ने भी अदाणी समूह के खिलाफ लगे आरोपों को निराधार बताया है. मुकुल रोहतगी ने कहा कि “अमेरिकी न्याय विभाग के आरोपपत्र में अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी पर रिश्वतखोरी या न्याय में बाधा डालने का कोई आरोप नहीं है. मैंने यूएस कोर्ट द्वारा दायर आरोपपत्र को देखा है. इसमें पांच आरोप हैं. जिसमें पहला और पांचवां आरोप, बाकी आरोपों से अधिक महत्वपूर्ण हैं. लेकिन पहले और पांचवें आरोप में न तो गौतम अदाणी और न ही उनके भतीजे पर कोई आरोप लगाया गया है.”
अदाणी समूह ने भी अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को नकार दिया है. ऐसे में सवाल है कि क्या जानबूझकर ‘ डेमोक्रेटिक डीप स्टेट’ ताकतें भारत की विकास यात्रा में रोड़े अटका रही हैं. कभी मणिपुर के नाम पर, कभी वक्फ बोर्ड, कभी एनआरसी और अब अदाणी पर. इन ताकतों के जाल में फंसकर विपक्ष गैर जरूरी मुद्दों को उठाकर संसद की कार्यवाही को बाधित कर रहा है. (https://x.com/neeraj_rajput/status/1859438131289936320)