ऐसे समय में जब यूएस आर्मी राजस्थान के थार रेगिस्तान में भारतीय सेना के साथ साझा ‘युद्ध अभ्यास’ कर रही है, अलास्का में हड़कंप मच गया है. आनन-फानन में यूएस आर्मी ने अलास्का में ‘हिमार्स’ आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम को तैनात किया है. इसका कारण है अलास्का से सटे समंदर में रूस का ‘ओशियन 2024’ एक्सरसाइज, जिसमें 90 हजार सैनिकों सहित 400 से ज्यादा युद्धपोत और पनडुब्बियां हिस्सा ले रहे हैं.
खास बात ये है कि राजस्थान में जो साझा युद्धाभ्यास चल रहा है (9-24 सितंबर), उसमें यूएस आर्मी की 11 एयरबॉर्न डिवीजन के ही एक बटालियन (1-24) हिस्सा ले रही है जिसकी जिम्मेदारी अलास्का की सुरक्षा है. खबर ये भी है कि यूएस आर्मी युद्ध अभ्यास के लिए भारत में हिमार्स रॉकेट सिस्टम लेकर आई है. भारत और अमेरिका के बीच ज्वाइंट मिलिट्री एक्सरसाइज का नाम ‘युद्ध अभ्यास’ है. (US Army के साथ राजपूत रेजीमेंट ने रचा इतिहास)
रूस के ओशियन-2024 युद्धाभ्यास (10-16 सिंतबर) के चलते आनन-फानन में 11 एयरबॉर्न डिवीजन ने वाशिंगटन स्टेट स्थित जॉइंट बेस लुईस मैककॉर्ड (यूएस आर्मी के सबसे बड़े मिलिट्री बेस में से एक) से हिमार्स को अलास्का के एलटुइयन आइलैंड में तैनात करने के लिए मंगाया है. इसके अलावा हवाई द्वीप (इंडो-पैसिफिक कमांड) से कम्युनिकेशन उपकरण, टारगेट एक्यूजेशन रडार और इन्फेंट्री सिक्योरिटी फोर्स को इस आईलैंड में तैनात करने के लिए मांग की है.
जैसे ही ये खबर आई थी कि अमेरिका और इंग्लैंड, यूक्रेन को रूस के खिलाफ लंबी दूरी की मिसाइल इस्तेमाल करने की इजाजत दे सकते हैं, मॉस्को ने ओसियन-2024 एक्सरसाइज का ऐलान कर दिया था. इसके तहत आर्कटिक महासागर, कैस्पियन सी और बाल्टिक सी में रूस की नौसेना ने एक साथ युद्धाभ्यास शुरू कर दिया था. इस युद्धाभ्यास में चीन की नौसेना ने भी हिस्सा लिया है. यही वजह है कि अलास्का के बेहद करीब रूस और चीन के युद्धाभ्यास से अमेरिका के कान खड़े हो गए और आनन-फानन में अलास्का की सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई. क्योंकि रूस के ‘मैन्लैंड’ से अलास्का की दूरी 100 किलोमीटर से भी कम है. (आर्टिलरी और AK-203 के साथ अमेरिका के साथ युद्धाभ्यास जल्द)
हालांकि, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की परमाणु हमले की धमकी के बाद अमेरिका और इंग्लैंड ने यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल से हमले की इजाजत नहीं दी है. (पुतिन की परमाणु धमकी के बाद US, UK हटे पीछे)