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US सीक्रेट सर्विस चीफ ने दिया इस्तीफा, ट्रंप पर हमले के बाद से था दबाव

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले को रोकने में नाकाम रही यूएस सीक्रेट सर्विस की चीफ ने दबाव में अपना इस्तीफा दे दिया है. यूएस सीक्रेट सर्विस के एजेंट ही अमेरिकी राष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति की सुरक्षा संभालते हैं. ऐसे में सीक्रेट सर्विस की डायरेक्टर किम्बर्ली चीटल को अपना पद छोड़ना पड़ा है.

13 जुलाई को अमेरिका के पेंसिल्वेनिया के बटलर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए ट्रंप पर एक संदिग्ध युवक ने अपनी गन से फायर किया था. हमले में ट्रंप बाल-बाल बच गए थे लेकिन गोली उनके कान से छूकर निकल गई थी.

संदिग्ध युवक को हालांकि, सीक्रेट सर्विस के स्नाइपर ने मार गिराया था लेकिन अमेरिका में इस हमले को लेकर जबरदस्त रोष था. आम लोगों से लेकर अमेरिकी सांसद इस बात से नाराज थे कि सीक्रेट सर्विस एजेंट समय रहते हमले को क्यों नहीं रोक पाए थे.

अमेरिकी कांग्रेस (संसद) की ऑब्जरवेशन कमेटी के समक्ष सवाल जवाब के दौरान सीक्रेट सर्विस की चीफ चीटल हमले को लेकर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई थीं. चीटल ये बताने में असमर्थ रही थी कि हमले से ठीक पहले जब संदिग्ध हमलावर के बारे में जानकारी मिल गई थी तो उसी वक्त उसके खिलाफ क्यों नहीं कार्रवाई की गई थी. हमलावर के गोली चलाने तक इंतजार क्यों किया गया. क्योंकि अगर मंच पर खड़े ट्रंप ने अपना सिर नहीं हिलाया होता तो गोली कान के बजाए किसी संवेदनशील हिस्से पर गहरी चोट पहुंचा सकती थी. (ट्रंप हमला: लोन वुल्फ या Deep State)

इस हमले में ट्रंप तो कान की चोट के साथ बच गए थे लेकिन सभा में मौजूद एक शख्स की जान चली गई थी और दो अन्य घायल हो गए थे. इसी साल नवंबर में होने वाली अमेरिकी चुनाव में ट्रंप एक बार फिर राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार हैं.

हमले के बाद भी ट्रंप की सुरक्षा में तैनात सीक्रेट सर्विस एजेंट्स ने सिक्योरिटी प्रोटोकॉल का ठीक से अनुसरण नहीं किया था. क्योंकि हमले के बाद सुरक्षित निकालने के दौरान भी ट्रंप का ऊपरी हिस्सा एक्सपोज था और वे एजेंट्स के सुरक्षा घेरे से मुठ्ठी दिखाकर लोगों का आह्वान कर रहे थे. साथ ही सुरक्षा में तैनात महिला कमांडो भी असहज दिखाई पड़ रही थीं. एक महिला एजेंट तो अपनी पिस्टलस को होलस्टर में ठीक से रखने में नाकाम रही थी.

ट्रंप पर हमले के बाद से ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी भारी दबाव में थे. पहले से ही टीवी डिबेट में हार चुके बाइडेन ने डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होने से इंकार कर दिया है. अब बाइडेन की जगह उपराष्ट्रपति कमला हैरिस चुनाव लड़ सकती हैं. (बीवी को भूलना पड़ा बाइडेन पर भारी, कमला हैरिस करेंगी Trump से मुकाबला)

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