July 3, 2024
XYZ 123, Noida Sector 63, UP-201301
Africa Alert Breaking News Classified Conflict Documents Geopolitics IOR Middle East

ग्रेट-पावर बनने के साथ समुद्री सुरक्षा का ‘संकल्प’: नेवी चीफ

नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने साफ कर दिया है कि भारत एक महाशक्ति बनने की राह पर है. ऐसे में हिंद महासागर में समुद्री-लुटेरों, हाईजैक और हूती विद्रोहियों के हमले से सुरक्षा प्रदान की जिम्मेदार भारतीय नौसेना की है. इसीलिए भारतीय नौसेना ने अरब सागर में ‘ऑपरेशन संकल्प’ छेड़ा है. 

ऑपरेशन संकल्प के 100 दिन पूरा होने पर नौसेना प्रमुख ने शनिवार को राजधानी दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि “भारत आज ग्रेट पावर बनने की ‘ट्रेजेक्टरी’ पर है. लेकिन ग्रेट पावर बनने के साथ बड़ी जिम्मेदारियां भी आती हैं.” एडमिरल हरिकुमार ने कहा कि समंदर में अपने देश के हितों, व्यापार और नागरिकों की रक्षा करने की जिम्मेदारी भारतीय नौसेना की है. इसके लिए हमारे युद्धपोत और नौसैनिक पूरी तरह तत्पर हैं. 

नेवी चीफ की प्रेस कॉन्फ्रेंस ऐसे समय में हुई जब शनिवार सुबह ही नौसेना का आईएनएस कोलकता युद्धपोत 35 सोमालियाई समुद्री लुटेरों को लेकर मुंबई पहुंचा था. इन सभी समुद्री-दस्यु को नौसेना ने मुंबई पुलिस के हवाले कर दिया है ताकि उन पर एंटी पायरेसी एक्ट के तहत मुकदमा चलाया जा सके. 

हिंद महासागर का नाम हमारे देश पर

नौसेना प्रमुख के मुताबिक, “इंडियन ओसियन में भारत की सबसे बड़ी नौसेना है. हिंद महासागर क्षेत्र भारत के नाम पर है और उसकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी भारतीय नौसेना के कंधों पर है. ऐसे में इस क्षेत्र में किसी भी तरह की पायरेसी, हाईजैक या फिर ड्रोन अटैक की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हम ‘रूल बेस्ड ऑर्डर’ बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.” (https://x.com/neeraj_rajput/status/1771536456944603406?s=20)

नौसेना प्रमुख ने बताया कि “इंडियन नेवी समंदर में मित्र-देशों की नौसेनाओं के साथ भी सहयोग करती है ताकि एक दूसरे के समुद्री-व्यापार की सुरक्षा की जा सके. इसके लिए भारतीय नौसेना ‘सीएमएफ’ यानी कोएलिशन मेरीटाइम फोर्स और यूरोपीय नेवल फोर्स जैसे संगठनों के साथ मिलकर समंदर की सुरक्षा करती है.” 

भारतीय नौसेना के मुताबिक, पिछले 100 दिनों में अरब सागर और अदन की खाड़ी में 90 से ज्यादा (96) मेरीटाइम सिक्योरिटी से जुड़ी घटनाएं सामने आई हैं. इनमें सोमालियाई समुद्री तट के करीब पायरेसी, हाईजैकिंग और हूती विद्रोहियों द्वारा ड्रोन और मिसाइल अटैक की घटनाएं शामिल हैं. नौसेना प्रमुख के मुताबिक, इजरायल-हमास युद्ध (7 अक्टूबर 23) के शुरु होने के बाद से ये घटनाएं शुरु हुई हैं. एडमिरल हरिकुमार के मुताबिक, पिछले एक दशक से अरब सागर में पायरेसी की घटनाएं लगभग खत्म हो गई थी. लेकिन अब फिर बड़ी संख्या में ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं. 

आईओआर में भारतीय नौसेना के 35 युद्धपोत तैनात

नौसेना प्रमुख ने बताया कि इस वक्त पूरे हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में इंडियन नेवी के कुल 35 युद्धपोत, 11 पनडुब्बी और 05 एयरक्राफ्ट निगहबानी कर रहे हैं. इनमें से 10 युद्धपोत अरब सागर और अदन की खाड़ी में तैनात हैं. पिछले 100 दिनों से कुल 5000 नौसैनिक अरब सागर में इन युद्धपोत इत्यादि पर तैनात हैं. ऑपरेशन संकल्प के शुरुआत यानी 15 दिसंबर से लेकर अब तक भारतीय नौसेना ने 13 ऐसी घटनाओं का सामना किया है जिसमें किसी जहाज को समुद्री-लुटेरों ने लूटने की कोशिश की है, हाईजैक करने की कोशिश की हो या फिर ड्रोन (मिसाइल) अटैक हुआ हो. उन्होंने बताया कि एंटी-पायरेसी ऑपरेशन्स (छह घटनाओं) सहित ऑपरेशन संकल्प के दौरान 110 लोगों की जान बचाई है जिनमें 65 पाकिस्तान और ईरान सहित दूसरे विदेशी नागरिक थे. 

भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन संकल्प के दौरान अब तक 450 मर्चेंट वैसल और 15 लाख टन कार्गो को सुरक्षा प्रदान की है. एडमिरल ने बताया कि भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के अलावा मल्टी नेशनल फोर्सेज के भी इस वक्त 60-65 जंगी जहाज यहां मौजूद हैं जबकि पहले ये संख्या 30-35 रहती थी. 

एमवी केम प्लूटो घटना

नौसेना प्रमुख ने बताया कि पिछले साल 23 दिसंबर (2023) को गुजरात तट के करीब जिस एमवी केम प्लूटो पर ड्रोन अटैक हुआ था, वो बहुत हद तक संभव है कि ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने किया हो. हालांकि, ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है लेकिन 1500-1600 किलोमीटर तक मार करने वाले ड्रोन ईरान ने संभव हूती विद्रोहियों को मुहैया कराए होंगे. हालांकि, उन पर लगी मार्किंग हटा दी गई थी. ऐसे में सही सही नहीं बताया जा सकता है कि आखिर ये ड्रोन कहां से आया था और किसने लॉन्च किया था. 

हूती विद्रोहियों का भारत से कोई विवाद नहीं

टीएफए  के सवाल पर एडमिरल हरिकुमार ने कहा कि हूती विद्रोहियों का भारत से कोई विवाद नहीं है. यही वजह है कि लाल सागर और अदन की खाड़ी में भारत के किसी भी समुद्री-जहाज पर हूती विद्रोहियों ने कोई अटैक नहीं किया है. हूती विद्रोहियों का मुख्य निशाना इजरायल, अमेरिका और उनके सहयोगी देशों के जहाज हैं. 

(https://youtu.be/fk86OkZlDxc?si=xQ0tinLZ46mc_liE)

(https://youtu.be/ZelKNO89zpE?si=y1dFzGHGVbao1jtS)

ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction

 

ReplyForwardAdd reaction

 

ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction
X