कतर में भारत के पूर्व नौसैनिकों की सुरक्षित रिहाई जैसी एक बड़ी कूटनीतिक जीत के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर रविवार को कतर के दौरे पर हैं. इस दौरान जयशंकर कतर से पुराने मिराज-2000 फाइटर जेट खरीदने पर चर्चा कर सकते हैं.
इसी महीने की 21 तारीख को कतर के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी विमानों की बिक्री को लेकर दिल्ली में भारतीय रक्षा अधिकारियों के साथ चर्चा की थी. कतर ने करीब 12 सेकेंड हैंड मिराज 2000 फाइटर जेट देने का ऑफर दिया है. ऐसे में जयशंकर का कतर दौरा कई मायनों में बेहद अहम है.
अहम इसलिए क्योंकि साढ़े चार महीने पहले कतर ने भारतीय नौसेना के उन आठ पूर्व नेवल ऑफिसर्स को रिहा किया है, जिन्हें अगस्त 2022 में इजरायल के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद मौत की सजा सुनाई गई थी.
एस जयशंकर के कतर दौरा महत्वपूर्ण क्यों?
कतर दौरे पर जयशंकर, प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान बिन जसीम अल थानी से मुलाकात करेंगे. दोनों नेताओं की बातचीत में व्यापार, निवेश, ऊर्जा और सुरक्षा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी. भारत और कतर के रिश्ते हाल के सालों में काफी अच्छे हुए हैं. इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इसी साल फरवरी में कतर की यात्रा की थी. पीएम मोदी ने कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी से मुलाकात की थी.
एस जयशंकर की कतर यात्रा पर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि “भारत और कतर के बीच ऐतिहासिक और मैत्रीपूर्ण संबंध है, जो नियमित रूप से उच्च स्तरीय यात्राओं के आदान-प्रदान से मजबूत होते हैं.” विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा है कि “आशा है कि जयशंकर और अल थानी गाजा में इजरायल के जारी सैन्य हमलों को लेकर पश्चिम एशिया की समग्र स्थिति पर भी विचार-विमर्श करेंगे.”
कतर से 12 सेकेंड हैंड मिराज 2000 लेगा भारत?
पाकिस्तान के खिलाफ एयर स्ट्राइक करने वाले और करगिल युद्ध में दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाले मिराज 2000 को कतर ने भारत को देने की पेशकश की है. 21 जून को कतर के अधिकारियों ने रक्षा मंत्रालय में अपने मिराज 2000 लड़ाकू विमान को लेकर प्रेजेंटेशन दी थी. कतर ने बताया है कि उनके मिराज जेट बहुत अच्छी स्थिति में हैं.
कतर ने कथित तौर पर 12 विमानों के लिए लगभग छह लाख डॉलर का प्रस्ताव दिया है. लेकिन भारत कीमत कम करने के लिए बातचीत कर रहा है. भारत और कतर दोनों के विमान के इंजन एक जैसे हैं, जिससे रखरखाव भी आसान होगा. सेकेंड हैंड मिराज खरीदने पर विचार इसलिए भी हो रहा है, क्योंकि भारतीय वायु सेना को कोविड संकट के दौरान एक फ्रांसीसी विक्रेता से सेकेंड-हैंड सौदे में बड़ी संख्या में पुर्जे और उपकरण मिले थे.
अगर कतर से सौदा होता है तो वायुसेना के बेड़े में मिराज 2000 की संख्या बढ़कर 60 हो जाएगी. मिराज लड़ाकू विमान को वायुसेना गेम चेंजर के तौर पर देखती है क्योंकि इन फाइटर जेट की मारक क्षमता और सटीक निशाना ही दुश्मनों के छक्के छुड़ा देती है.
कतर और भारत में कैसे हैं संबंध?
कतर और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगातार बढ़ रहा है, जो 2023 में लगभग 11 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. भारत, कतर के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है. भारत कतर से एलपीजी आयात करता है तो भारत, कतर को इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, परिवहन उपकरण, लोहा, इस्पात, कीमती पत्थर, रबर, प्लास्टिक और रसायन बेचता है.
कतर करवा रहा है इजरायल और हमास में समझौता
माना जा रहा है कि एस जयशंकर की द्विपक्षीय वार्ता में इजरायल पर भी बात होगी. क्योंकि कतर ही वो देश है जो इजरायल और हमास के बीच युद्ध-विराम की अहम भूमिका में है.
नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर की कतर यात्रा तीसरी आधिकारिक यात्रा होगी. इससे पहले विदेश मंत्री 20 जून को श्रीलंका और 23 जून को यूएई की यात्रा कर चुके हैं.
Leave feedback about this