पाकिस्तानी सीमा से ड्रोन की घुसपैठ रोकने को लेकर बीएसएफ ने गृह मंत्रालय से एक अतिरिक्त बटालियन की मांग की है. पंजाब से सटी सीमा पर पाकिस्तान अक्सर ड्रोन के जरिए हथियार और ड्रग्स भेजता है. पाकिस्तान की ये कोशिश बीएसएफ के जवान नाकाम भी करते हैं और ड्रोन को मार भी गिराते हैं.
सीमा पर घुसपैठियों को भी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के अलर्ट जवान ढेर भी करते हैं. बावजूद इसके ड्रोन के जरिए तस्करी जारी है. ऐसे में बीएसएफ ने आतंकी घुसपैठ और ड्रोन हमलों पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए अतिरिक्त जवानों की मांग की है. लिहाजा बीएसएफ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय में अतिरिक्त बटालियन की तैनाती की मांग की है. इसी हफ्ते शुक्रवार को भी गुरदासपुर में पाकिस्तानी ड्रोन देखे जाने के बाद दो राउंड फायर किया गया था.
पंजाब में बीएसएफ की 20 बटालियन तैनात
पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर 500 किलोमीटर से अधिक लंबे मोर्चे की रक्षा के लिए बीएसएफ की करीब 20 बटालियन तैनात हैं, जिनमें से 18 बटालियन सीमा पर ‘सक्रिय रूप से तैनात’ हैं. जबकि बाकी दो बटालियन को अमृतसर में अटारी-वाघा चेक पोस्ट और गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक में करतारपुर कॉरिडोर के लिए आवश्यकता के अनुसार इस्तेमाल के लिए रखा गया है. पंजाब और पाकिस्तान के बीच सीमा पर ड्रोन का खतरा 2019-20 से ही बढ़ता जा रहा है.
अमृतसर और तरनतारन इलाके में अक्सर पाकिस्तानी ड्रोन की मूवमेंट देखी जाती है. इसलिए, बीएसएफ के अधिकारियों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस खतरे निपटने के लिए एक बटालियन की मांग की है. बीएसएफ की एक बटालियन में 800-900 जवान होते हैं.
पाकिस्तान नदियों के रास्ते भेजता है ड्रग्स की खेप
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अब तक बीएसएफ ने पंजाब बॉर्डर पर 120 से ज्यादा ड्रोन गिराए हैं, जबकि पिछले साल 2023 में 107 ड्रोन बरामद किए थे. बीएसएफ नदी क्षेत्रों में ड्रोन की घुसपैठ रोकने के लिए ज्यादा सैनिक तैनात करना चाहता है. पंजाब सीमा पर रावी और सतलुज नदियों पर 48 पुलिया बनाई जा रही हैं, जिनमें से 25 का काम पूरा हो चुका है. पुलिया पर सीवेज गेट और ताले लगे हैं और बीएसएफ के गश्ती दल नियमित रूप से पुलिया पर गश्त करते हैं.
दरअसल गुरदासपुर, पठानकोट, अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर और फाजिल्का बेहद ही संवेदनशील इलाके हैं. गुरदासपुर और पठानकोट के 70 किलोमीटर में से 15 किमी के क्षेत्र में सात जगहों पर रावी नदी पाकिस्तान और भारत में प्रवेश करती है. वहीं फिरोजपुर और फाजिल्का के 90 किलोमीटर की सीमा में सतलुज नदी कई जगहों पर पाकिस्तान में प्रवेश करने के बाद भारतीय क्षेत्र में बहती है. हुसैनीवाला, टेंडीवाला, बस्ती रामलाल और ममदोट से अक्सर ड्रोन के जरिए तस्कर नशीली खेप भेजते हैं, जिसे समय-समय पर बीएसएफ पकड़ लेती है.