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Russian संबंधों में पाकिस्तान की एंट्री, जयशंकर ने किया दुनिया का मुंह बंद

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर रूस से संबंधों को लेकर दुनिया का मुंह बंद कर दिया है. जयशंकर ने कहा कि अगर किसी को भारत और रूस के संबंधों पर गुस्सा आता है, तो फिर भारत को भी उन देशों पर गुस्सा आना चाहिए जिनका पाकिस्तान से संबंध है.

एक ऑस्ट्रेलियाई न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में जयशंकर ने कहा कि आज के समय में किसी भी देश का दूसरे देश से ‘एक्सक्लूसिव संबंध’ नहीं हो सकता है. एक समय में कई देशों से संबंध हो सकते हैं.

दरअसल, न्यूज एंकर ने विदेश मंत्री से सवाल किया था कि भारत के रूस से संबंधों को लेकर ऑस्ट्रेलिया में गुस्सा है. ऐसे में जयशंकर ने कहा कि फिर भारत को तो कई देशों पर गुस्सा आ सकता है, क्योंकि उन देशों के पाकिस्तान से संबंध हैं. (https://x.com/rishibagree/status/1856644508437614942)

एक लंबे समय तक भारत को पाकिस्तान के अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों से करीबी संबंधों को लेकर जूझना पड़ा है. अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान का समर्थन हो या हथियारों की सप्लाई, अमेरिका और दूसरे देश सब मुहैया कराते थे. ऐसे में भारत को रूस से ही हथियार और दूसरी जरूरी वस्तुओं के लिए निर्भर रहना पड़ा.

हालांकि, अमेरिका में 9-11 हमले के बाद से परिस्थितियां बदलने लगी. मोदी सरकार आने के बाद से भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर ना केवल अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग कर दिया बल्कि ये भी सुनिश्चित किया कि अमेरिका और दूसरे यूरोपीय देश हथियार और दूसरे सैन्य उपकरण मुहैया ना कराएं.

यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस का खुलकर विरोध ना करने के कारण पश्चिमी देश भारत से खिन्न हैं. लेकिन जयशंकर ने दो टूक कहा कि भारत के रूस से संबंधों का ही असर है कि इंटरनेशनल मार्केट में तेल के दामों पर खास असर नहीं पड़ा. अगर भारत ने रूस से कच्चा तेल लेकर वैश्विक बाजार में सप्लाई नहीं किया होता तो दुनियाभर में तेल संकट आ सकता था. (भारत का स्थान महाशक्तियों में: पुतिन)

जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया से संबंधों को भी काफी महत्वपूर्ण बताया. हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गए जयशंकर ने यहां तक कह दिया था कि जब वे विदेश मंत्री बने थे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक सवाल ने उन्हें हैरान कर दिया था. पीएम मोदी ने जयशंकर से पूछा था कि हमारे संबंध ऑस्ट्रेलिया से मजबूत क्यों नहीं हैं, जबकि बड़ी संख्या में भारतीय मूल के नागरिक ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं.

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