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कोच्चि के करीब लाइबेरियाई जहाज डूबा, नेवी-कोस्टगार्ड ने क्रू को बचाया

कोच्चि के करीब अरब सागर में लाइबेरियाई कंटेनर जहाज पानी भरने के कारण समंदर में डूब गया है. गनीमत ये रही कि भारतीय नौसेना ने तटरक्षक बल के साथ मिलकर सभी 24 सदस्य विदेशी क्रू को सही-सलामत रेस्क्यू कर लिया है. जहाज में खतरनाक कैमिकल और तेल भरा है, ऐसे में समंदर में रिसाव का खतरा लगातार बना हुआ है.

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, लाइबेरियाई कंटेनर पोत एमएससी ईएलएसए 3 (आईएमओ नं. 9123221) आज सुबह (रविवार) लगभग 0750 बजे कोच्चि तट पर जल-भराव के कारण डूब गया. पोत पर सवार चालक दल के सभी 24 सदस्यों को बचा लिया गया जिनमें से 21 को आईसीजी ने और तीन को भारतीय नौसेना के आईएनएस सुजाता युद्धपोत ने बचाया.

जहाज पर लदा था तेल और कैमिकल, समंदर में प्रदूषण का खतरा

जहाज के डूबने के वक्त उस पर 640 कंटेनरों लदे थे. इसमें 13 खतरनाक माल और 12 कैल्शियम कार्बाइड वाले कंटेनर थे, जिनमें 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल भी भरा हुआ था.

रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि केरल के तट पर संवेदनशील समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को देखते हुए, इंडियन कोस्टगार्ड (आईसीजी) ने प्रदूषण रोकथाम की पूरी तैयारी शुरू कर दी है. तेल रिसाव का पता लगाने वाली उन्नत प्रणालियों से लैस आईसीजी का एक विमान हवाई निगरानी कर रहा है और प्रदूषण प्रतिक्रिया उपकरण लेकर आईसीजी जहाज ‘सक्षम’ मौके पर तैनात है. अभी तक  हालांकि, तेल रिसाव की कोई सूचना नहीं मिली है.

यह आपात स्थिति शनिवार को शुरू हुई, जब विझिनजाम से कोच्चि जाते समय एमएससी ईएलएसए 3 का स्टारबोर्ड लगभग 38 समुद्री मील दक्षिण-पश्चिम में 26 डिग्री झुक गया था. जहाज ने संतुलन खो दिया जिसके कारण संकट की सूचना दी गई.

रूस, यूक्रेन, जॉर्जिया और फिलीपींंस का था चालक-दल

कोच्चि में आईसीजी के समुद्री बचाव उप-केंद्र (एमआरएससी) ने तुरंत समन्वित कार्रवाई शुरू की और आईसीजी डोर्नियर विमान को हवाई निगरानी के लिए तैनात किया गया. वैश्विक खोज और बचाव प्रोटोकॉल के अनुरूप आईसीजी गश्ती जहाजों और व्यापारिक जहाजों एमवी हान यी और एमएससी सिल्वर 2 को भी सहायता के लिए भेजा गया.

देर शाम तक रूस, यूक्रेन, जॉर्जिया और फिलीपींस के नागरिकों सहित चालक दल के 24 सदस्‍यों में से 21 को बचा लिया गया था. चालक दल के तीन वरिष्ठ सदस्य बचाव व्यवस्था में सहायता के लिए पोत पर ही रहे. हालांकि, रात भर में पोत की हालत खराब हो गई और सुबह यह पोत पूरी तरह समंदर में उलट गया (डूब गया). चालक दल के तीन सदस्यों को पोत छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा और उन्हें आईएनएस सुजाता ने बचा लिया. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, दुर्घटना का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है. (https://x.com/IndiaCoastGuard/status/1926508188171411547)

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