ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी कंपनी बिनेंस ने आखिरकार गैर-कानूनी तरीके से किए गए लेनदेन पर रोक लगानी शुरु कर दी है. बिनेंस कंपनी ने फिलिस्तीन से जुड़े अकाउंट्स को फ्रीज कर दिया है. माना जा रहा है कि इजरायल के कहने पर चीनी मूल के बिजनेस-टायकून चांगपेंग झाओ (सीजेड) की कंपनी ने ये बड़ी कार्रवाई की है.
फिलिस्तीन से जुड़े अकाउंट्स को फ्रीज करने को लेकर विवाद भी खड़ा हो गया है. ऐसे में बिनेंस कंपनी ने सफाई दी है कि जिन खातों में गैर-कानूनी तरीके से लेन-देन किया गया है.
एक लंबे समय से बिनेंस कंपनी पर हमास और अल-कायदा जैसे आतंकियों की फंडिंग को लेकर गंभीर आरोप लगते रहे हैं. अपने क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज में टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने में नाकाम रहने के चलते अप्रैल के महीने में अमेरिका की एक अदालत ने सीजेड को चार महीने की सजा सुनाई थी.
हाल ही में बिनेंस ने एक बार फिर भारत के बाजार में दस्तक दी है. वित्त मंत्रालय की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (एफआईयू) ने हालांकि, मनी लॉन्ड्रिंग कानून के पालन करने की गारंटी के बाद ही कंपनी को भारत में लेनदेन की इजाजत दी है.
इसके अलावा भारत के मार्केट में आने के लिए बिनेंस कंपनी ने दो (02) मिलियन डॉलर की पेनाल्टी भी दी थी.
इसी साल जनवरी के महीने में वित्त मंत्रालय ने बिनेंस कंपनी को देश में डिजिटल लेनदेन पर बैन लगा दिया था. क्योंकि बिनेंस कंपनी ने अपनी ट्रांजैक्शन के बारे में जानकारी साझा करने से इंकार कर दिया था. लेकिन पेनाल्टी के बाद अब बिनेंस कंपनी ने एफआईयू में रजिस्ट्रेशन कर लिया है. इसके मायने ये हैं कि बिनेंस कंपनी अपने सभी लेनदेना का ब्यौरा एफआईयू को सौंपेगी और साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत ही अपने ऑपरेशन्स करेगी. (Binance पर ठोका 18 करोड़ का जुर्माना, अमेरिका में झेल चुकी है टेरर फंडिंग के आरोप)
क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में बिनेंस एक बड़ी ग्लोबल एक्सचेंज कंपनी है. वर्ष 2017 में चीन में बिनेंस कंपनी का गठन किया गया था. लेकिन महज चार साल बाद ही यानी 2021 में चीन ने क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर दिया था. कंपनी ने कुछ समय के लिए अपना हेडक्वार्टर जापान में शिफ्ट किया और फिर माल्टा. इसके बाद अचानक कंपनी का हेडक्वार्टर दुनिया के नक्शे से गायब हो गया. लेकिन चीनी नागरिकों पर नजर रखने के लिए बिनेंस कंपनी ने बीजिंग की एनफोर्समेंट एजेंसियों से हाथ मिला लिया.
चीन में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध के बावजूद बिनेंस कंपनी ने चीनी ट्रेडर्स को वीपीएन और दूसरे माध्यम से भी ग्लोबल एक्सचेंज तक री-रूट करने में मदद की. (Cryptocurrency: द ग्रेट वॉल ऑफ टेरर फाइनेंसिंग (TFA Investigation))
बिनेंस कंपनी और इसके संस्थापक-सीईओ के काले साम्राज्य का भंडाफोड़ किया अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट और यूएस ट्रेजरी विभाग ने.
यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट के मुताबिक, बिनेंस ने जानबूझकर ये बात छिपाई कि कंपनी टेरर-फाइनेंसिंग में लिप्त है. कंपनी ने हमास, अलकायदा और आईएसआईएस जैसे दुनियाभर के बड़े आतंकी संगठनों से एक लाख संदिग्ध ट्रांजेक्शन किए. (टेरर फंडिंग में Binance के सीईओ को जेल)