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इजरायल हमास जंग में चीन की बड़ी Entry, नेतन्याहू अमेरिका में

गाजा में इजरायली सेना के ताबड़तोड़ एक्शन के बीच चीन की राजधानी बीजिंग में एक अहम समझौता हुआ है. फिलिस्तीन को मजबूत करने के लिए हमास और फतह समेत कई फिलिस्तीनी गुटों ने आपसी मतभेदों को भुलाकर बीजिंग में संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. समझौते के तहत इजरायल-हमास युद्ध रुकने के बाद हमास और फतह समेत 14 फिलीस्तीनी संगठन साझा सरकार बनाएंगे. 

हालांकि चीन ने इस समझौते को लेकर ज्यादा जानकारी साझा नहीं की है लेकिन चीनी मीडिया का दावा है कि हमास और फतह ने अब एकसाथ फिलिस्तीनी एकता को मजबूत करने की कसम खाई है.

चीन ने करवाई हमास-फतह में सुलह वार्ता
बीजिंग में 21 से 23 जुलाई तक आयोजित तीन दिवसीय सुलह वार्ता के समापन पर हमास और फतह में सुलह की घोषणा की गई. चीन ने फिलिस्तीन के तमाम गुटों को  सुलह वार्ता के लिए निमंत्रित किया था, समापन समारोह में चीनी विदेश मंत्री वांग यी भी शामिल हुए. पिछले 17 सालों से कई बार दोनों गुटों में बातचीत हो चुकी है, पर अब चीन की मध्यस्थता के बाद हमास और फतह में सुलह होना बड़ी बात मानी जा रही है. वार्ता के समापन समारोह में फतह ने चीन की तारीफ करते हुए कहा कि “फिलिस्तीन के लिए चीन का समर्थन कभी नहीं रुका है और हाल के वर्षों में इसमें वृद्धि हुई है.”

हमास गुट और फतह गुट को समझिए

फिलिस्तीन दो भागों में बंटा हुआ है. एक भाग है गाजा और दूसरे भाग का नाम वेस्ट बैंक. भौगोलिक रूप से दोनों ही क्षेत्र अलग-अलग हैं. गाजा और वेस्ट बैंक को मिलाकर जो क्षेत्र बनता है, वो फिलिस्तीन है. गाजा पर हमास का नियंत्रण है, जबकि वेस्ट बैंक पर पीएलओ का कब्जा है. पीएलओ छोटी-छोटी कई पार्टियों का एक गठबंधन है. जहां फतह एक राजनीतिक दल है, वहीं पर हमास एक उग्रवादी संगठन है. फतह और हमास के काम करने के तरीके अलग-अलग हैं. हमास हिंसा में यकीन रखता है. फतह बातचीत के आधार पर समस्याओं को सुलझाने में यकीन रखता है. हमास और फतह में काफी समय से तनातनी है. ये संघर्ष साल 2007 में और बढ़ गया था जब हमास आतंकियों ने फतह के लड़ाकों को गाजा पट्टी से खदेड़कर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था.

हमास-इजरायल के संघर्ष विराम की कोशिश को लगेगा झटका!

हमास और फतह से ऐसे वक्त में हाथ मिलाया है जब अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने हाल ही में कहा है कि “इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बन रही है.” ये बात तो तय है कि कहीं ना कहीं हमास और इजरायल के बीच चल रही बातचीत जरूर डीरेल होगी. हालांकि माना जा रहा है कि फिलिस्तीनी प्रतिनिधियों की बैठक चीन के लिए मध्य पूर्व कूटनीति में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है.

नेतन्याहू अमेरिका में

चीन ने फिलिस्तीन के अलग-अलग गुटों को एक साथ लाने का काम ऐसे वक्त में किया है जब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के दौरे पर हैं. हालांकि, वे ऐसे समय वाशिंगटन पहुंचे हैं जब राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अगले कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ने से मना कर दिया है. नेतन्याहू का ये दौरा अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के साझा सदन को संबोधित करना है. साथ ही हमास के खिलाफ जंग में अमेरिकी अधिकारियों का समर्थन जुटाना है. 

पिछले 09 महीनों से जारी है इजरायल हमास युद्ध

पिछले साल 7 अक्टूबर को आतंकी संगठन हमास के इजरायल पर हुए हमले के बाद से शुरु हुए युद्ध में अब तक 40 हजार लोगों के मारे जाने की खबर है. अपने नागरिकों की बेरहमी से हत्या करने और बंधक बनाए जाने का बदला, इजरायल ने पूरे गाजा पर ताबड़तोड़ हमलों से लिया है. ऐसे में लाखों की तादाद में फिलिस्तीनी नागरिक बेघर हो गए हैं और शरणार्थी कैंप में रहने को मजबूर हैं. 

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