अरब सागर में एक बलोच नागरिक ने घायल होने के बाद मदद की गुहार लगाई तो भारतीय नौसेना तुरंत पहुंच गई. घटना ओमान तट के करीब हुई जब एक ईरानी बोट में सवार बलोच (पाकिस्तानी नागरिक) की उंगलियों में गंभीर चोट आई थी.
आईएनएस त्रिकंद पहुंच मदद के लिए
भारतीय नौसेना के मिशन ने मध्य अरब सागर में तैनात स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस त्रिकंद को ओमान तट से लगभग 350 समुद्री मील पूर्व में मछली पकड़ने वाली एक नौका के पाकिस्तानी चालक दल को तत्काल महत्वपूर्ण चिकित्सा सहायता प्रदान की. चालक दल को कई फ्रैक्चर हो गये थे और बहुत खून बह गया था, कई गंभीर चोटें आई थी.
04 अप्रैल 25 की सुबह आईएनएस त्रिकंद ने ईरानी नौका अल ओमीदी से एक संकट कॉल को इंटरसेप्ट किया. आगे की जांच में पता चला कि नौका के चालक दल के एक सदस्य को इंजन पर काम करते समय उसकी उंगलियों में गंभीर चोटें आई थी और उसकी हालत गंभीर थी. घायल व्यक्ति को ईरान जा रही एफवी अब्दुल रहमान हंज़िया नामक एक अन्य नौका में स्थानांतरित कर दिया गया था.
ईरानी बोट में सवार था घायल बलोच नागरिक
त्रिकंद ने चालक दल के घायल सदस्य को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए तुरंत अपना मार्ग बदल दिया. एफवी अब्दुल रहमान हंज़िया के चालक दल में 11 पाकिस्तानी (09 बलूच और 02 सिंधी) और 05 ईरानी कर्मी शामिल थे. घायल व्यक्ति, एक पाकिस्तानी (बलूच) नागरिक, को कई फ्रैक्चर हो गए थे और हाथ में गंभीर चोटें आई थी जिसके परिणामस्वरूप बहुत अधिक खून बह गया था.
आईएनएस त्रिकंद के चिकित्सा अधिकारी, मार्कोस (मरीन कमांडो) और जहाज की बोर्डिंग टीम की एक टीम के साथ सहायता प्रदान करने के लिए एफवी पर चढ़े. स्थानीय एनेस्थीसिया प्रदान करने के बाद, जहाज के चिकित्सा दल ने घायल उंगलियों पर टांके लगाए और पट्टी बांधी. तीन घंटे से अधिक समय तक चली सर्जिकल प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हुई और समय रहते रक्तस्राव को नियंत्रित कर लिया गया जिससे गैंग्रीन के कारण घायल उंगलियों के संभावित स्थायी नुकसान को रोका जा सका.
इसके अलावा, ईरान पहुंचने तक चालक दल के लिए एफवी को एंटीबायोटिक्स सहित चिकित्सा आपूर्ति प्रदान की गई. पूरे चालक दल ने अपने चालक दल के सदस्य की जान बचाने में समय पर सहायता के लिए भारतीय नौसेना के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया.