उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन सिर्फ अपनी ‘सत्ता बचाने में दिलचस्पी रखता है.’ यही वजह है कि वो कोरियाई प्रायद्वीप में आक्रामक व्यवहार करता है और अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को बढ़ाने में जुटा है. ये मानना है भारत में दक्षिण कोरिया के राजदूत का.
दक्षिण कोरिया के राजदूत चांग जे बोक बुधवार को राजधानी दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. टीएफए के इस सवाल पर कि कोरिया-समिट (2018) के बाद उत्तर और दक्षिण कोरिया के संबंधों में सुधार हुआ था और डी-मिलिट्राइज जोन (डीएमजेड) पर स्थिति शांतिपूर्ण और स्थिर हो गई थी, फिर हाल के सालों में किम जोंग उन के व्यवहार में क्यों इतनी आक्रामक दिखाई पड़ रही है, बोक ने कहा कि “कोरियाई प्रायद्वीप में हालात काफी चिंताजनक बने हुए हैं.”
कोरियाई राजदूत के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया और (उसका तानाशाह) किम जोंग उन न्यूक्लियर हथियारों को बढ़ाने में जुटा है. किम जोंग न केवल अमेरिका बल्कि दक्षिण कोरिया को भी धमकी देता रहता है. ऐसे में “अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होकर उत्तर कोरिया पर दबाव डालने की जरूरत है.”
उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन अपनी बैलिस्टिक मिसाइल और परमाणु हथियारों के जखीरे को लगातार बढ़ाता जा रहा है. उत्तर कोरिया ने रुस की मदद से अंतरिक्ष में सैटेलाइट भेजकर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है. यहां तक की अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक निवास स्थान व्हाइट हाउस की सैटेलाइट तस्वीरें जारी कर यूएस की नींद उड़ा रखी है (White House उत्तर कोरिया की जद में, Satellite इमेज से अमेरिका में हड़कंप). आए दिन किम जोंग की मिसाइल जापान और दक्षिण कोरिया की समुद्री-सीमा में आकर गिरती हैं. राजदूत बोक के मुताबिक, ये सब करके ही किम जोंग “अपनी सत्ता को बरकरार रखना चाहता है.” (किम जोंग के कब्जे में यूएस सोल्जर, कोरिया में फिर टेंशन)
इस सवाल पर कि क्या दक्षिण कोरिया भी नॉर्थ कोरिया की तरह परमाणु हथियार विकसित करना चाहता है, दक्षिण कोरिया के राजदूत ने कहा कि इस विषय पर उनके “देश की जनता का मत बंटा हुआ है, ऐसे में कुछ भी साफ कहना मुश्किल है.” राजदूत ने ये जरुर कहा कि उनकी व्यक्तिगत राय है कि न्यूक्लियर वेपन किसी भी देश के लिए बेहद खतरनाक होते हैं.
दरअसल, अगले महीने भारत और दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रियों की बैठक होने जा रही है. इसके लिए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल की यात्रा करने जा रहे हैं (5-6 मार्च). इस बैठक में दोनों देश आपसी व्यापार और रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में सहयोग करने पर खास चर्चा करेंगे. इस बैठक से पहले दक्षिण कोरियाई राजदूत ने भारतीय मीडिया को संबोधित किया.
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