यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहली बार सीधे तौर पर भारत के मध्यस्थता की बात कही है. पुतिन ने सबको हैरान करते हुए कहा है कि रूस-यूक्रेन की शांति वार्ता में भारत, चीन और ब्राजील मध्यस्थता कर सकते हैं.
पुतिन ने कहा कि “युद्ध के पहले हफ्ते में इस्तांबुल में रूसी और यूक्रेनी वार्ताकारों के बीच एक समझौता हुआ था, जिसे कभी लागू नहीं किया गया. उसे आधार बनाकर बातचीत की जा सकती है.” यानि ब्रिक्स देशों पर रूस उम्मीद की नजर से देख रहा है.
भारत, चीन, ब्राजील करें मध्यस्थता: पुतिन
दुनिया के कई देश चाहे वो अमेरिका हों या खुद रूस और यूक्रेन, सभी पीएम नरेंद्र मोदी के जरिए युद्ध को समाप्त करने के पक्ष में हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 जुलाई को रूस का दौरा किया था जहां पुतिन से सीधे-सीधे तौर पर युद्ध को लेकर बातचीत हुई थी.
पुतिन से मुलाकात के बाद यात्रा को बैलेंस करने के लिए पीएम मोदी ने 23 अगस्त को यूक्रेन पहुंचकर जेलेंस्की से मीटिंग की. इस दौरान भी चर्चा का मुख्य विषय रूस और यूक्रेन युद्ध ही था. पीएम मोदी ने जेलेंस्की से साफ-साफ कहा था कि “भारत मध्यस्थता तब कर सकता है जब शांति वार्ता की मेज पर रूस हो.”
दरअसल जून में स्विटजरलैंड में शांति वार्ता का आयोजन हुआ था जिसमें रूस को आमंत्रित नहीं किया गया था. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद पुतिन ने भी दूसरा पीस समित भारत में करवाने की इच्छा जारी की थी.
अब गुरुवार को रूस के शहर व्लादिवोस्तोक में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (ईईजी) में बातचीत के दौरान पुतिन ने कहा है कि “2022 में जब जंग शुरू हुई थी, तब तुर्किये ने दोनों देशों के बीच समझौता कराने की कोशिश की थी. हालांकि, उन शर्तों को कभी लागू नहीं किया गया था. अब नए सिरे से बातचीत शुरू करने के लिए पिछली कोशिश को आधार बनाया जा सकता है. जिसमें भारत, चीन और ब्राजील मध्यस्थता करे.” पुतिन का आरोप है कि पश्चिमी देशों के दखल के चलते यूक्रेन से वार्ता सफल नहीं हुई थी.
अमेरिका भी भारत की मध्यस्थता के पक्ष में है
अगस्त महीने के आखिर में ही बाइडेन और पीएम मोदी की फोन पर लंबी बातचीत हुई थी. जिसमें बांग्लादेश के साथ-साथ रूस-यूक्रेन युद्ध बातचीत का मुख्य आधार था. अमेरिका शुरुआत से ही कह रहा है कि भारत को शांति की कोशिश करनी चाहिए. क्योंकि पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन अच्छे मित्र हैं. यूक्रेन में शांति लाने को लेकर हाल ही में व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने कहा कि “अमेरिका ऐसे किसी भी देश का स्वागत करता है जो यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने में मदद करने का प्रयास करना चाहता है. भारत युद्ध को समाप्त करने में भूमिका निभा सकता है.”
भारत एक प्रभावशाली वर्ल्ड पावर: रूस
रूसी विदेश विभाग ने भारत को एक प्रभावशाली वर्ल्ड पावर बताया है, जो अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार अपनी विदेश नीति बनाता है. रूस ने यह भी कहा है कि “यूक्रेन के मुद्दे पर मॉस्को अपने भारतीय दोस्तों के साथ बातचीत जारी रखने के लिए तैयार है.”
यूक्रेन के साथ शांति वार्ता के लिए हालांकि, पुतिन की कई शर्तें हैं. रूस ने जंग रोकने के लिए जो शर्तें रखी हैं, उनमें यूक्रेन को डोनबास इलाके से अपने सैनिक और नाटो का हिस्सा न बनना शामिल हैं. (RT के जरिए US Elections को प्रभावित करने का आरोप)