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भारत रूस चीन के बीच Triangle डिप्लोमेसी

चीन और रूस से संबंधों को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बराबरी का ट्राएंगल करार दिया तो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि भारत से संबंध एक नए ‘ब्रांड’ (स्तर) पर पहुंच गए हैं.

ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर एक कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि रूस का झुकाव अब एशिया की तरफ हो गया है. ऐसे में एशिया में भारत, रूस और चीन, तीन बड़े देश हो गए हैं. जयशंकर ने कहा कि भारत, दोनों देशों (चीन और रूस) से द्विपक्षीय संबंध चाहता है. ठीक वैसे ही रूस और चीन भी चाहते हैं. ऐसे में ये एक बराबरी का त्रिकोण बना गया है, जिसमें दो देश हमेशा तीसरे से शक्तिशाली रहेंगे.

हाल ही में रूस के कज़ान में हुए ब्रिक्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर पिछले साढ़े चार साल से चले आ रहे सीमा-विवाद को सुलझा लिया है. इससे दोनों देशों की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति और स्थिर बन गई है.

भारत के रूस से ऐतिहासिक संबंध रहे हैं और यूक्रेन युद्ध के बावजूद भारत ने साथ नहीं छोड़ा. इसके चलते हालांकि, भारत को पश्चिमी देशों की आलोचना का शिकार भी होना पड़ा है. वहीं, रूस और चीन के भी मजबूत संबंध हैं. (मोदी Xi की पांच साल बाद मुलाकात, वैश्विक शांति में मिलेगी मदद)

जयशंकर ने कहा कि रूस से राजनीतिक और राजनयिक संबंध बनाए रखना बेहद जरूरी है. ठीक ऐसे ही त्रिकोणीय संबंध जयशंकर ने वियतनाम से बनाने का आह्वान किया. क्योंकि वियतनाम का भी चीन से पुराना सीमा विवाद रहा है. हाल के दिनों में समुद्री विवाद भी बढ़ गया है. लेकिन वियतनाम के रूस से मजबूत संबंध हैं.

उधर रूस की राजधानी मॉस्को में पुतिन ने दो दर्जन से भी ज्यादा देशों के राजदूत और प्रतिनिधियों की मौजूदगी में भारत से संबंधों की एक बार फिर जमकर तारीफ की. इस मौके पर मॉस्को में भारत के राजदूत विनय कुमार ने अपने क्रेडेंशियल पुतिन को सौंपे.

मित्र देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों की प्रशंसा करते समय पुतिन ने भारत के साथ संबंधों और पीएम मोदी के साथ कज़ान में हुई बैठक का जिक्र किया.

पुतिन ने कहा कि, ”भारत के साथ रूस के संबंध हाल ही में रणनीतिक विशेषाधिकार प्राप्त साझेदारी के एक नए स्तर पर पहुंच गए हैं.

रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि हम दोनों देश, द्विपक्षीय के साथ-साथ जी-20 से लेकर ब्रिक्स और एससीओ जैसे अंतरराष्ट्रीय प्रारूपों में एक साथ काम करते हैं.” (बिना ट्रांसलेटर के Russian समझते हैं मोदी: पुतिन)

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