रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जहां भारत, चीन और ब्राजील से युद्ध रोकने की मध्यस्थता करने की बात कही है वहीं, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिका को हड़काया है. अमेरिका को कड़ी चेतावनी देते हुए सर्गेई लावरोव ने कहा है कि अमेरिका को यह समझना चाहिए कि यूक्रेन युद्ध में उसकी ‘रेड लाइन’ क्या है?
लावरोव ने आरोप लगाया कि अमेरिका ने यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करने के मामले में रेड लाइन पार कर दी है.
रूस की रेड लाइन से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता: लावरोव
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि “अमेरिका को यह समझ लेना चाहिए कि रूस की रेड लाइन ऐसी नहीं है, जिससे खिलवाड़ किया जा सके. और अमेरिका इस बात को बहुत अच्छे से जानता है.”
दरअसल सर्गेई लावरोव की ये टिप्पणी यूक्रेन को अमेरिकी हथियार की आपूर्ति के परिपेक्ष्य में आई है.
हाल के महीनों में, यूक्रेन ने अमेरिकी हथियारों का उपयोग करके रूस के अंदर हमला किया है, जिससे रूस को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. यूक्रेन अचानक से रूस के खिलाफ आक्रामक है, जिसके बाद रूस अमेरिका पर भड़का हुआ है.
हम अपना संयम खो रहे हैं, अमेरिका रेड लाइन पार ना करे : रूस
सर्गेई लावरोव ने कहा है कि “वाशिंगटन, मास्को के साथ आपसी संयम की भावना को खो रहा है. यूक्रेन को हथियार सप्लाई करने के मामले में अमेरिका ने लाल रेखा को पार कर लिया है. अमेरिका का कदम रूस और अमेरिका के बीच गंभीर तनाव को बढ़ावा दे सकता है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.”
लावरोव ने कहा, “अगर अमेरिका, यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई करता रहेगा और अपने रुख से पीछे नहीं हटेगा, तो रूस भी अपने हितों की रक्षा के लिए कठोर कदम उठाएगा, जो वैश्विक स्थिरता के लिए सही नहीं होगा.”
यूक्रेन को आर्थिक और सैन्य सहायता दे रहा है अमेरिका
ढाई साल से यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध में अमेरिका ने यूक्रेन को बड़े पैमाने पर सैन्य सहायता प्रदान की है. अमेरिका ने यूक्रेन को हथियार, गोला-बारूद और अन्य उपकरण दिए हैं, जिनमें लड़ाकू विमान एफ-16 भी शामिल है. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की भी इस महीने अमेरिका जा रहे हैं. माना जा रहा है कि अमेरिका यूक्रेन को और सहायता दे सकता है. ऐसे में रूस के विदेश मंत्री का बयान बेहद अहम माना जा रहा है. (RT के जरिए US Elections को प्रभावित करने का आरोप)
रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध खत्म करने के पक्ष में हैं पुतिन
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को एक सम्मेलन में कहा कि “रूस, तीन देश भारत, चीन और ब्राजील के संपर्क में हैं, क्योंकि इन तीनों की मध्यस्थता से ही यूक्रेन के साथ सुलह की जा सकती है. इस्तांबुल में रखी गई बातों को एक बार फिर से बढ़ाया जा सकता है ताकि शांति वार्ता सफल हो.” (भारत, चीन और ब्राजील करें युद्ध में मध्यस्थता: पुतिन)
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